DGP Anurag Gupta case :झारखंड के DGP अनुराग गुप्ता की सेवानिवृत्ति को लेकर केंद्र और राज्य सरकार के बीच चल रही टेंशन का नया चैप्टर सामने आया है।
राज्य की मुख्य सचिव अलका तिवारी ने केंद्रीय गृह मंत्रालय को एक डिटेल्ड रिपोर्ट भेजकर DGP अनुराग गुप्ता की नियुक्ति को कानूनी और उचित ठहराया है।
इस क्रिस्प रिपोर्ट में बताया गया कि अनुराग गुप्ता की नियुक्ति झारखंड कैबिनेट के फैसले और गठित समिति की सिफारिश के आधार पर हुई थी।
रिपोर्ट में पॉइंट-टू-पॉइंट जानकारी देते हुए कहा गया कि अनुराग गुप्ता को 2 साल के लिए नियमित DGP नियुक्त किया गया, जो महानिदेशक एवं पुलिस महानिरीक्षक नियुक्ति नियमावली-2025 के तहत वैध है।
यही कारण है कि 30 अप्रैल को उनकी सेवानिवृत्ति पर कोई फैसला नहीं लिया गया।
केंद्र का पत्र बना था टर्निंग पॉइंट
केंद्रीय गृह मंत्रालय ने 22 अप्रैल को मुख्य सचिव अलका तिवारी को पत्र भेजकर अनुराग गुप्ता की नियुक्ति को नियम-विरुद्ध बताया था।
पत्र में सुप्रीम कोर्ट के फैसले का हवाला देते हुए कहा गया कि सेवा विस्तार केवल केंद्र सरकार दे सकती है, और अनुराग गुप्ता को 30 अप्रैल को रिटायर करना होगा।
इसके जवाब में राज्य सरकार ने काउंटर करते हुए अपनी नई नियमावली का बचाव किया।
गृह विभाग की प्रधान सचिव वंदना डाडेल ने भी पुष्टि की कि केंद्र को विस्तृत जवाब भेजा गया है, लेकिन आगे का फैसला केंद्र पर डिपेंड करता है।
क्या है कंट्रोवर्सी की जड़?
अनुराग गुप्ता (1990 बैच IPS) को 26 जुलाई 2024 को प्रभारी डीजीपी बनाया गया था, लेकिन विधानसभा चुनाव 2024 के दौरान चुनाव आयोग ने उन्हें हटा दिया।
28 नवंबर 2024 को हेमंत सोरेन सरकार ने उन्हें दोबारा प्रभारी DGP नियुक्त किया और 2 फरवरी 2025 को नियमित DGP बनाया। केंद्र ने इस नियुक्ति को चैलेंज करते हुए कहा कि यह UPSC की सिफारिश और केंद्र की मंजूरी के बिना हुई।
BJP नेता बाबूलाल मरांडी ने इस मामले में झारखंड हाईकोर्ट में अवमानना याचिका दायर की है, जिसकी सुनवाई 19 जून 2025 को होगी।
सोशल मीडिया पर भी यह मुद्दा वायरल है, जहां जदयू विधायक सरयू राय समेत कई लोग राज्य सरकार के फैसले को संविधान-विरोधी बता रहे हैं।
30 अप्रैल 2025 के बाद भी राज्य सरकार ने उनकी सेवानिवृत्ति की कोई ऑफिशियल पुष्टि नहीं की, और अनुराग गुप्ता DGP के तौर पर कंटिन्यू कर रहे हैं। नक्सल ऑपरेशन्स में उनकी एक्टिव भूमिका की तारीफ हो रही है, लेकिन केंद्र का अगला मूव इस हाई-प्रोफाइल विवाद को डिसाइड करेगा।