Jharkhand News: झारखंड के प्रसिद्ध ठेठ नागपुरी गायक और ‘भिनसरिया कर राजा’ के नाम से मशहूर महावीर नायक को मंगलवार को दिल्ली में आयोजित एक समारोह में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने पद्मश्री से सम्मानित किया।
1962 से ठेठ नागपुरी गीतों को अपनी आवाज देने वाले महावीर नायक ने 50 वर्षों से अधिक समय तक नागपुरी संस्कृति और संगीत को समृद्ध किया है। उनसे पहले झारखंड के मुकुंद नायक और मधु मंसूरी हंसमुख को भी पद्मश्री से नवाजा जा चुका है।
देश-विदेश में नागपुरी गायकी का परचम
महावीर नायक ने देश-विदेश में नागपुरी गायकी का जादू बिखेरा है। उन्होंने पद्मश्री मुकुंद नायक और डॉ. रामदयाल मुंडा के साथ ताइवान में प्रदर्शन किया था। विभिन्न राज्यों और विदेशों में उन्हें कई सम्मान प्राप्त हुए हैं।
2014 में भारत लोकरंग महोत्सव में उन्हें लोककला रत्न अवॉर्ड और 2019 में स्वर्ण जयंती समारोह में सम्मानित किया गया।
‘भिनसरिया कर राजा’ की यात्रा
महावीर नायक को सिमडेगा में आयोजित एक कार्यक्रम में स्थानीय लोगों ने ‘भिनसरिया कर राजा’ की उपाधि दी थी। उनकी असली पहचान 1963 में रांची के हटिया में HEC में योगदान देने के बाद बनी।
यहीं से उन्होंने नागपुरी गीतों की रचना शुरू की और गायकी को नई दिशा दी। 50 वर्षों तक उन्होंने नागपुरी संगीत को समर्पित रहकर झारखंड की सांस्कृतिक धरोहर को संजोया।