Jharkhand News: आजसू पार्टी के केंद्रीय अध्यक्ष और झारखंड के उपमुख्यमंत्री सुदेश महतो ने शराब घोटाले में IAS विनय चौबे और संयुक्त उत्पाद आयुक्त गजेंद्र सिंह की गिरफ्तारी पर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को सीधे चुनौती दी है। उन्होंने कहा कि अगर JMM सरकार इस घोटाले में शामिल नहीं है, तो उसे तुरंत CBI जांच की सिफारिश करनी चाहिए।
महतो ने 21 मई 2025 को प्रेस विज्ञप्ति के जरिए दावा किया कि एक ही दिन में FIR दर्ज कर और अधिकारियों को गिरफ्तार कर ACB ने “इतिहास रच दिया,” लेकिन यह विश्वास करना मुश्किल है कि बिना CM और विभागीय मंत्री की सहमति के नीतिगत बदलाव हुए।
“अधिकारियों को बलि का बकरा बनाया गया”
महतो ने आरोप लगाया कि विनय चौबे और गजेंद्र सिंह को “बलि का बकरा” बनाकर CM हेमंत सोरेन और विभागीय मंत्री को बचाने की कोशिश की जा रही है। उन्होंने कहा कि CBI जांच होने पर मुख्यमंत्री और मंत्री भी लपेटे में आएंगे, इसलिए सरकार ने जल्दबाजी में ACB के जरिए यह कार्रवाई की।
आजसू प्रवक्ता डॉ. देवशरण भगत ने प्रेस विज्ञप्ति में कहा कि सरकार जनता की आंखों में धूल झोंककर खुद को पाक-साफ दिखाना चाहती है।
घोटाले का इतिहास, छत्तीसगढ़ कनेक्शन
झारखंड में 2022 की नई उत्पाद नीति में छत्तीसगढ़ के शराब माफिया के साथ साठगांठ का आरोप है। अप्रैल 2022 में झारखंड स्टेट बेवरेजेस कॉरपोरेशन लिमिटेड (JSBCL) ने टेंडर निकाला, जिसमें ₹100 करोड़ टर्नओवर और ₹11.28 करोड़ बैंक गारंटी की शर्तें थीं। इससे छत्तीसगढ़ की कंपनियां जैसे सुमीत फसिलिटीज, ईगल हंटर्स, और A2Z इंफ्रा को फायदा हुआ, जबकि झारखंड की कंपनियां बाहर हो गईं।
सितंबर 2024 में छत्तीसगढ़ EOW ने विनय चौबे, गजेंद्र सिंह, अनिल तूतेजा, और अनवर ढेबर सहित सात लोगों के खिलाफ FIR दर्ज की, जिसमें ₹38 करोड़ के नुकसान का अनुमान लगाया गया। ED ने अक्टूबर 2024 में रांची और रायपुर में 15 ठिकानों पर छापेमारी की और iPhone, लैपटॉप जैसे सबूत जब्त किए।




