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रूपा तिर्की मामले में CBI जांच की मांग वाली याचिका पर सुनवाई पूरी

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रांची: साहिबगंज महिला थाना प्रभारी रूपा तिर्की की संदेहास्पद मौत के मामले में उनके पिता की ओर से मामले की सीबीआई जांच की मांग को लेकर दायर याचिका की सुनवाई पूरी हो गयी है। इस पर फैसला बुधवार को सुनाया जायेगा।

महाधिवक्ता द्वारा अदालत में सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता के अधिवक्ता द्वारा मामले की सीबीआई जांच 200 प्रतिशत होने का दावा करने संबंधी जानकारी अदालत को दी गयी थी।

उस मामले में याचिकाकर्ता के अधिवक्ता की ओर से महाधिवक्ता और अपर महाधिवक्ता पर अदालत की अवमानना करने का आरोप लगाते हुए उन पर अवमाननावाद याचिका चलाने के लिए आईए याचिका दायर की थी।

उसी पर सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट के अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने महाधिवक्ता और अपर महाधिवक्ता की ओर से अदालत में पक्ष रखा।

उन्होंने कहा कि यह मामले में अवमाननावाद याचिका चलाने योग्य नहीं है।

उन्होंने कहा कि याचिकाकर्ता के अधिवक्ता ने जो मामले की सुनवाई के दौरान कहा कि मामले की सीबीआई जांच जिसके लिए इस याचिका में पेश किया गया है, वह 200 प्रतिशत होगा ही, यह शॉकिंग था।

प्रार्थी के अधिवक्ता द्वारा कही गयी बातें महाधिवक्ता ने अदालत को बतायी। उन्होंने तो सिर्फ जानकारी दी यह अवमानना नहीं होता है।

उन्होंने अदालत पर किसी भी प्रकार का दोषारोपण नहीं किया है। इसके अलावा अवमाननावाद एकल पीठ में नहीं सिर्फ युगल पीठ में ही सुनवाई योग्य है।

उन्होंने अदालत से आग्रह किया कि अवमानना के लिए दायर की गई आइए को निरस्त कर दिया जाए।

अधिवक्ता के पक्ष सुनने के बाद अदालत ने मामले में निर्णय लेने की बात कही है।

इसके अलावा रूपा तिर्की की संदेहास्पद मौत की सीबीआई जांच के लिए की गयी प्रार्थना पर भी सुनवाई पूरी कर ली है। बुधवार को मामले में अदालत फैसला सुनाएगी।

उल्लेखनीय है कि 13 अगस्त को हुए मामले की सुनवाई के दौरान महाधिवक्ता ने कुछ आपत्तियां जताते हुए जस्टिस एसके द्विवेदी से आग्रह किया था कि इस मामले की सुनवाई अब उन्हें नहीं करनी चाहिए।

इसके बाद जस्टिस एसके द्विवेदी ने महाधिवक्ता के बयान को रिकॉर्ड करते हुए पूरे मामले को चीफ जस्टिस के पास भेज दिया था।

चीफ जस्टिस से आग्रह किया गया था कि वह प्रशासनिक दृष्टिकोण से मामले की सुनवाई के लिए बेंच तय करें।

चीफ जस्टिस ने इस मामले की सुनवाई जस्टिस एसके द्विवेदी की अदालत में ही जारी रखने को कहा है।

इसके बाद 26 अगस्त को मामले की सुनवाई सूचीबद्ध की गयी। देवानंद उरांव ने महाधिवक्ता के खिलाफ याचिका दायर कर दी।

मालूम है कि बीते तीन मई को साहिबगंज की महिला थाना प्रभारी रूपा तिर्की की पुलिस लाइन स्थित सरकारी क्वार्टर मे फंदे पर लटका हुआ शव पुलिस ने बरामद किया था।

साहिबगंज पुलिस ने इस मामले की जांच के लिए पांच सदस्यीय एसआईटी का गठन किया था।

इस मामले में जांच के बाद रूपा तिर्की की मौत को आत्महत्या बताया गया था।

मामले की सीबीआई जांच को लेकर परिजन और स्थानीय लोगों ने भी मांग की थी। सड़कों पर विरोध भी किया था। मामले की गंभीरता को देखते हुए

मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने जांच आयोग के गठन को मंजूरी दी थी। एक सदस्यीय जांच आयोग में झारखंड हाईकोर्ट के रिटायर्ड चीफ जस्टिस विनोद कुमार गुप्ता को इसकी जिम्मेदारी दी गई है।

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