Jharkhand MNREGA scam: मनरेगा घोटाले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग केस में आरोपी अभिषेक झा की डिस्चार्ज पिटीशन पर बुधवार को रांची की विशेष PMLA (प्रीवेन्शन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट) कोर्ट में सुनवाई हुई। कोर्ट ने प्रवर्तन निदेशालय (ED) को जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया है। अभिषेक झा, निलंबित IAS अधिकारी पूजा सिंघल के पति हैं, जिन्हें इस घोटाले का मुख्य आरोपी माना गया है।
कोर्ट में क्या हुआ?
सुनवाई के दौरान अभिषेक झा की ओर से अधिवक्ता विक्रांत सिन्हा ने बहस की और दलील दी कि उनके मुवक्किल पर लगे सभी आरोप निराधार हैं। उन्होंने कोर्ट से आग्रह किया कि अभिषेक झा की इस मामले में कोई संलिप्तता नहीं है और उन्हें डिस्चार्ज किया जाए। दूसरी ओर, ED की ओर से विशेष लोक अभियोजक आतिश कुमार ने जवाब प्रस्तुत किया। कोर्ट ने ED को अपना जवाब दाखिल करने के लिए समय दिया है।
क्या है मामला?
अभिषेक झा पर आरोप है कि उनकी पत्नी पूजा सिंघल, जो 2000 बैच की IAS अधिकारी हैं, ने खूंटी जिले में डिप्टी कमिश्नर के रूप में कार्यकाल (2009-2010) के दौरान मनरेगा फंड में 18.06 करोड़ रुपये की हेराफेरी की। ED का दावा है कि इस घोटाले से प्राप्त धन को मनी लॉन्ड्रिंग के जरिए छिपाया गया, जिसमें अभिषेक झा भी शामिल थे।
जांच के दौरान रांची, चंडीगढ़, कोलकाता, फरीदाबाद, गुरुग्राम और मुजफ्फरपुर में छापेमारी के बाद 19.76 करोड़ रुपये नकद, आपत्तिजनक दस्तावेज और डिजिटल डिवाइस बरामद किए गए थे।
अभिषेक झा का दावा
अभिषेक झा ने अपनी डिस्चार्ज पिटीशन में कहा है कि उनके खिलाफ कोई ठोस सबूत नहीं हैं। उन्होंने पहले भी दावा किया था कि उनके बैंक खातों में जमा धन उनकी ऑस्ट्रेलिया में नौकरी से प्राप्त वैध आय और शादी में मिले उपहारों से है।