Homeअजब गज़ब… और इस तरह 40 साल की लड़ाई के बाद शख्स को...

… और इस तरह 40 साल की लड़ाई के बाद शख्स को मिला दादी की संपत्ति पर कब्जा

Published on

spot_img

Supreme Court : सुप्रीम कोर्ट ने फोटो में 70 साल की म‎हिला के काले बाल देखकर फर्जीवाड़े का खुलासा ‎(Fraud exposed) किया और असली हकदार को संप‎‎त्ति का मा‎लिक बनाया।

जानकारी के अनुसार आंध्र प्रदेश के रहने वाले एक शख्स को आखिरकार 40 साल की लड़ाई के बाद अपनी दादी की संपत्ति पर कब्जा मिल गया। ट्रायल कोर्ट (Trial court) से लेकर हाईकोर्ट और फिर सुप्रीम कोर्ट तक मुकदमा चला।

आखिरकार वह अपनी दादी का ‘दत्तक पुत्र’ होने का दावा करने वाले ढोंगी शख्स को बेनकाब करने में कामयाब रहा। वेनकुबयम्मा नाम की एक महिला ने साल 1981 में अपनी वसीयत तैयार करवाई।

इस वसीयत में अपनी संपत्ति इकलौते पोते काली प्रसाद के नाम कर दी। जुलाई 1982 में वेनकुबयम्मा की मौत हो गई। मौत के बाद अचानक एक शख्स खुद को वेनकुबयम्मा का दत्तक पुत्र बताते हुए एक और वसीयतनामा पेश किया, जो अप्रैल 1982 का था। इस वसीयतनामे के मुताबिक वेनकुबयम्मा ने पोते के नाम वसीयत रद्द कर दी थी और सारी संपत्ति उसके नाम कर दी थी।

जब यह मामला ट्रायल कोर्ट पहुंचा तो साल 1989 में ट्रायल कोर्ट ने दत्तक पुत्र के पक्ष में फैसला सुना दिया। इसके बाद पोते ने हाईकोर्ट में इस फैसले को चुनौती दी।

साल 2006 में High Court ने ट्रायल के फैसले को पलट दिया। इसके बाद साल 2008 में खुद को दत्तक पुत्र बताने वाला शख्स सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया। हाईकोर्ट के आदेश के खिलाफ याचिका दायर कर दी।

संपत्ति का अधिकार पोते को दे दिया

सुप्रीम कोर्ट ने साल 2010 में मामले पर सुनवाई शुरू हुई। इस दौरान खुद को दत्तक पुत्र बताने वाले शख्स ने तीन तस्वीरें पेश की, और कहा कि ये उसके एडॉप्शन सेरेमनी (Adoption Ceremony) की हैं। 18 अप्रैल 1982 यानी निधन के तीन महीने पहले की इन तस्वीरों में 70 साल की बुजुर्ग महिला के बाल पूरी तरह काले नजर आ रहे थे।

बस यहीं से सुप्रीम कोर्ट को शक हुआ। न्यायालय ने सवाल किया कि साल 1982 में क्या 70 साल की कोई बुजुर्ग महिला अपने बाल डाई करती होगी? जस्टिस सीटी रवि कुमार और जस्टिस संजय कुमार ने यह भी पूछा कि आखिर एडॉप्शन सेरेमनी (Adoption Ceremony) की सिर्फ 3 तस्वीरें ही क्यों हैं? क्या फोटोग्राफर ने सिर्फ 3 फोटो खींची थी? कथित दत्तक पुत्र इसका जवाब नहीं दे पाया।

सुप्रीम कोर्ट ने यह भी पूछा कि आखिर अपने पोते के नाम वसीयत करने के बाद ऐसा क्या हुआ कि वेनकुबयम्मा ने पुरानी वसीयत कैंसिल कर दी और कथित दत्तक पुत्र के नाम संपत्ति कर दी?

सुप्रीम कोर्ट में 15 साल चले मामले पर फैसला सुनाते हुए कथित दत्तक पुत्र की याचिका खारिज कर दी और संपत्ति का अधिकार पोते को दे दिया।

spot_img

Latest articles

इरफान अंसारी ने किया सदर अस्पताल का निरीक्षण, स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार के दिए निर्देश

Chaibasa News: झारखंड के स्वास्थ्य मंत्री डॉ. इरफान अंसारी ने गुरुवार को चाईबासा जिले...

झारखंड में मोंथा तूफान का असर, बारिश से बढ़ी ठंड, कई जिलों में येलो अलर्ट जारी

Cyclonic Storm Montha: चक्रवाती तूफान मोंथा के प्रभाव से झारखंड के विभिन्न जिलों में...

छात्रा ने स्वर्णरेखा नदी में लगाई छलांग, मछुआरों ने बचाई जान

Jamshedpur News: सोनारी थाना क्षेत्र के निर्मल नगर में गुरुवार सुबह कस्तूरबा गांधी आवासीय...

मर्डर केस में तीन शूटर गिरफ्तार

Jamshedpur Crime News: रत्ननगर रोड हत्याकांड का पुलिस ने किया खुलासा, तीन शातिर अपराधी...

खबरें और भी हैं...

इरफान अंसारी ने किया सदर अस्पताल का निरीक्षण, स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार के दिए निर्देश

Chaibasa News: झारखंड के स्वास्थ्य मंत्री डॉ. इरफान अंसारी ने गुरुवार को चाईबासा जिले...

झारखंड में मोंथा तूफान का असर, बारिश से बढ़ी ठंड, कई जिलों में येलो अलर्ट जारी

Cyclonic Storm Montha: चक्रवाती तूफान मोंथा के प्रभाव से झारखंड के विभिन्न जिलों में...

छात्रा ने स्वर्णरेखा नदी में लगाई छलांग, मछुआरों ने बचाई जान

Jamshedpur News: सोनारी थाना क्षेत्र के निर्मल नगर में गुरुवार सुबह कस्तूरबा गांधी आवासीय...