Ranchi News: रांची में रविवार को इमाम-ए-हुसैन की शहादत की याद में मुहर्रम के पहलाम का जुलूस शांति और सौहार्द के साथ निकाला गया। दोपहर करीब 2 बजे विभिन्न क्षेत्रों से शुरू हुए जुलूस अलबर्ट एक्का चौक और महावीर चौक पहुंचे। जुलूस में तिरंगे के साथ देशभक्ति और भाईचारे की झलक दिखी। सेंट्रल मुहर्रम कमेटी के नेतृत्व में निकले जुलूस में संरक्षक मो सईद, अध्यक्ष जावेद गद्दी, महासचिव अकिलुर रहमान, उपाध्यक्ष आफताब आलम, मो तौहीद, अय्यूब राजा खान, पत्रकार आदिल रशीद और प्रवक्ता मो इस्लाम शामिल थे।
अखाड़ों में लाठी-तलवारों से हैरतअंगेज करतब दिखाए गए, जिसने लोगों को मंत्रमुग्ध कर दिया। धौताल अखाड़ा के खलीफा जमशेद अली उर्फ पप्पू गद्दी, जावेद गद्दी, साहेब अली और रोजन गद्दी ने नेतृत्व किया। इमाम बख्श अखाड़ा का नेतृत्व खलीफा मो मौजूद ने किया, जबकि शमश नौजवान कमेटी के अय्यूब राजा खान, हाजी रब्बानी, खलीफा परवेज पप्पू और अन्य शामिल थे। लीलू अली अखाड़ा के खलीफा मो सज्जाद, महासचिव मो शकील और संरक्षक सलाहुद्दीन संजू ने नेतृत्व किया।
महावीर मंडल ने किया स्वागत
श्री महावीर मंडल और अन्य धार्मिक संगठनों ने अखाड़ों के खलीफाओं और पदाधिकारियों का पगड़ी, फूल-माला और गले मिलकर स्वागत किया। जुलूस मेन रोड, चर्च रोड, उर्दू लाइब्रेरी, टैक्सी स्टैंड, अलबर्ट एक्का चौक, शहीद चौक से होते हुए कर्बला चौक पहुंचा, जहां फातिहा पढ़ने के बाद रात में जुलूस वापस लौटे।
शरबत बांटकर निभाई परंपरा
कर्बला की लड़ाई में इमाम हुसैन और उनके साथियों को पानी तक नसीब नहीं हुआ था। इस याद में सैयद जसीम रिज़वी और सैयद नदीम रिजवी ने अपने पिता स्वर्गीय सैयद अमीर हुसैन रिज़वी की स्मृति में पानी, शरबत, कोल्ड ड्रिंक और खजूर बांटे। रहिमन फाउंडेशन, कर्बला चौक दुकानदार समिति, टैक्सी स्टैंड दुकानदार समिति, सेंट्रल मुहर्रम इस्तकबालिया कमिटी और अन्य संगठनों ने स्वागत शिविर लगाए।
हिंदू-मुस्लिम एकता का प्रतीक
सेंट्रल मुहर्रम कमेटी के महासचिव अकिलुर रहमान ने कहा कि मुहर्रम हिंदू-मुस्लिम एकता का प्रतीक है। महावीर मंडल के अध्यक्ष जय सिंह ने बताया कि 1929 से यह आयोजन सांप्रदायिक सौहार्द के लिए हो रहा है। महामंत्री ललित ओझा ने रांची और झारखंडवासियों को भाईचारे के साथ मुहर्रम मनाने के लिए बधाई दी।
कर्बला चौक पर मेला
कर्बला चौक पर मेले का आयोजन हुआ, जहां शीरनी, अगरबत्ती, मोमबत्ती की दुकानों के साथ विभिन्न स्टॉल सजे। मौलाना सैयद तहजीबुल हसन रिज़वी ने कहा कि रांची में शिया-सुन्नी का कोई भेदभाव नहीं है। यह शहर हिंदू-मुस्लिम एकता की मिसाल है, जिससे देश को प्रेरणा लेनी चाहिए।