HomeUncategorizedनई शिक्षा नीति भारत को ज्ञान के क्षेत्र में वैश्विक महाशक्ति के...

नई शिक्षा नीति भारत को ज्ञान के क्षेत्र में वैश्विक महाशक्ति के रूप में बदल देगी: धर्मेंद्र प्रधान

Published on

spot_img

नई दिल्ली: राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद् (एनसीईआरटी) के 61वें स्थापना दिवस समारोह को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से संबोधित करते हुए केन्द्रीय शिक्षा एवं कौशल विकास मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने कहा कि नई शिक्षा नीति-2020 भारत को ज्ञान के क्षेत्र में वैश्विक महाशक्ति के रूप में बदल देगी।

इस अवसर पर शिक्षा राज्यमंत्री सुभाष सरकार, शिक्षा राज्यमंत्री डॉ. राज कुमार रंजन सिंहऔर शिक्षा मंत्रालय एवं एनसीईआरटी के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।

मंत्री प्रधान ने इस अवसर पर एनसीईआरटी को बधाई दी और शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार लाने की दिशा में एनसीईआरटी द्वारा किए गए प्रयासों की सराहना की।

उन्होंने महामारी के दौरान स्कूली शिक्षा के लिए राष्ट्रीय पाठ्यक्रम की रूपरेखा से लेकर पढ़ने-पढ़ाने की प्रक्रिया को आगे बढ़ाने के लिए वैकल्पिक शैक्षणिक कैलेंडर तैयार करने तक कीएनसीईआरटी की यात्रा में आने वाले मील के पत्थरों को रेखांकित करते हुए कहा कि एनसीईआरटी को नई शिक्षा नीति (एनईपी)-2020 में की गई परिकल्पना के अनुरूप शिक्षा के क्षेत्र में व्यापक पैमाने पर परिवर्तन लाने के लिए कमर कस लेनी चाहिए। सुभाष सरकार ने भी एनसीईआरटी को बधाई दी।

उन्होंने एनसीईआरटीके तीन हंसों के लोगो और उसके आदर्श वाक्य,जिसका अर्थ है ‘सीखने के माध्यम से शाश्वत जीवन’, के महत्व पर प्रकाश डाला।

उन्होंने अनुसंधान, विकास और प्रशिक्षण के संसाधन केंद्र के रूप में एनसीईआरटी की शानदार यादगार सेवा की सराहना करते हुए कहा कि निष्ठा पहल के तहत 42 लाख शिक्षकों को प्रशिक्षित किया गया है।

उन्होंने आत्मनिर्भर भारत और कौशल भारत के उद्देश्यों को प्राप्त करने के लिए व्यावसायिक और शैक्षणिक शिक्षा के समेकन की भूमिका पर बल दिया।

उन्होंने याद दिलाया कि प्रधानमंत्री ने कहा था कि नई शिक्षा नीति (एनईपी)एक नए भारत के निर्माण में योगदान देगी। इस संदर्भ में एनसीईआरटी की भूमिका अपरिहार्य है।

डॉ.राजकुमार रंजन सिंह ने कहा कि यह स्थापना दिवस अतीत को यादकर खुशहोने, आत्मनिरीक्षण करने और भविष्य की योजना बनाने का अवसर है।

उन्होंने मनोरंजक दंतकथाओं के माध्यम सेएनसीईआरटीद्वारा सामग्री की नियमित समीक्षा करने और परिस्थितियों को अपनाने/उसके अनुकूल ढलनेसंबंधी उसकेलचीलेपन की सराहना की, जोकि सीखने की प्रक्रिया के क्रम में होने वाली खुशियोंको और बढ़ाते हैं।

अपने स्कूली दिनों के दौरान सामूहिक रूप से स्कूल परिसर की सफाई करने से जुड़े प्रसंगों को याद करते हुए, उन्होंने आशा व्यक्त की कि नए पाठ्यक्रम के माध्यम से विद्यार्थियोंमें स्कूलों के प्रति अपनेपन की भावना पैदा होगी। यह स्वस्थ भारत कार्यक्रम की अवधारणा को भी मजबूत करेगा।

spot_img

Latest articles

इस बार कड़ाके की ठंड! La Nina लाएगा सर्दी का सितम, IMD और Skymet ने दी चेतावनी

This time it will be very cold!: देश में इस साल ठंड का कहर...

हजारीबाग में नक्सल अभियान में बड़ी सफलता! 1 करोड़ इनामी सहदेव सोरेन समेत 3 नक्सली ढेर

Big success in Naxal operation in Hazaribagh!: झारखंड के हजारीबाग जिले में चल रहे...

झारखंड के Ex-IAS अमित खरे बने उपराष्ट्रपति के सचिव, मिली बड़ी जिम्मेदारी

Jharkhand News: झारखंड कैडर के रिटायर्ड IAS अधिकारी अमित खरे को उपराष्ट्रपति सीपी राधाकृष्णन...

तिरुपति सम्मेलन में कल्पना सोरेन ने महिला सशक्तीकरण पर दिया जोर

Jharkhand News: आंध्र प्रदेश के पवित्र तीर्थ तिरुपति में आयोजित दो दिवसीय प्रथम राष्ट्रीय...

खबरें और भी हैं...

इस बार कड़ाके की ठंड! La Nina लाएगा सर्दी का सितम, IMD और Skymet ने दी चेतावनी

This time it will be very cold!: देश में इस साल ठंड का कहर...

हजारीबाग में नक्सल अभियान में बड़ी सफलता! 1 करोड़ इनामी सहदेव सोरेन समेत 3 नक्सली ढेर

Big success in Naxal operation in Hazaribagh!: झारखंड के हजारीबाग जिले में चल रहे...

झारखंड के Ex-IAS अमित खरे बने उपराष्ट्रपति के सचिव, मिली बड़ी जिम्मेदारी

Jharkhand News: झारखंड कैडर के रिटायर्ड IAS अधिकारी अमित खरे को उपराष्ट्रपति सीपी राधाकृष्णन...