The case of Khwaja Moinuddin Chishti Dargah : अजमेर में ख्वाजा मोइनुद्दीन हसन चिश्ती की दरगाह में शिव मंदिर होने के दावे का मामला हाईकोर्ट पहुंच गया है। गुरुवार को जस्टिस विनोद कुमार भारवानी की कोर्ट में खादिमों की संस्था अंजुमन सैयद जादगान की याचिका (मंदिर के दावे की सुनवाई पर रोक लगे) पर सुनवाई हुई।
कमेटी के वकीलों ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने इस तरह के किसी भी वाद पर कोर्ट में सुनवाई पर रोक लगा रखी है। ये आदेश प्लेसेज ऑफ वर्शिप एक्ट 1991 की कानूनी मान्यता को चुनौती देने वाली याचिका पर दिया गया था। उसके बाद भी अजमेर सिविल कोर्ट इस वाद को सुन रही हैं। इसकारण इसकी सुनवाई पर रोक लगाई जाए।
हाईकोर्ट में सुनवाई के दौरान केंद्र की ओर से एडिश्नल सॉलिसिटर जनरल आरडी रस्तोगी ने अंजुमन कमेटी की याचिका का विरोध कर कहा कि कमेटी वाद में पार्टी नहीं है। इसके बाद वह हाईकोर्ट में याचिका दायर नहीं कर सकती है। यह याचिका चलने योग्य नहीं हैं। कोर्ट अब मामले में एक सप्ताह बाद फिर से सुनवाई करेगी।