स्कूलों में एक अप्रैल से नया सिलेबस लागू करने जा रही NCERT

News Aroma Desk

NCERT New Syllabus: NCERT (National Council Of Educational Research and Training) नये शैक्षणिक सत्र 2024-2025 से स्कूलों के Syllabus में बदलाव करने जा रही है।

इसी 1 अप्रैल से यह बदलाव लागू हो जायेगा। बता दें कि NCERT ने यह बदलाव कक्षा तीन से लेकर छह तक के सिलेबस में किया है।

जल्द ही जारी होगी नयी टेक्स्ट बुक

NCERT की ओर से जल्द ही बदले हुए सिलेबस पर आधारित नयी टेक्स्ट बुक जारी की जायेंगी। हालांकि, Senior Classes (7वीं से 12वीं) के सिलेबस में कोई बदलाव नहीं किया जा रहा है। इस संबंध में NCERT ने स्कूलों को पत्र भेजकर जानकारी दी है।

नयी शिक्षा नीति 2020 अनुरूप किया जा रहा है बदलाव

NCERT ने स्कूलों के साथ अभिभावकों और स्टूडेंट्स को सलाह दी है कि पूर्व प्रकाशित पाठ्यपुस्तकों की जगह पर तीसरी से छठी कक्षा के लिए इन नये सिलेबस और Text Books को अपनायें।

NCERT का कहना है कि छठी कक्षा के लिए ब्रिज कोर्स और तीसरी कक्षा के लिए शॉर्ट दिशा-निर्देश तैयार किया जा रहा है, ताकि स्टूडेंट्स को नयी शैक्षणिक व्यवस्था और नये सिलेबस ढांचे के अनुरूप पढ़ाई करने में आसानी हो। नयी शिक्षा नीति 2020 के अनुरूप पाठ्य पुस्तकों में बदलाव किया जा रहा है।

गौरतलब है कि ज्यादातर स्कूलों में NCERT के अलावा दूसरे प्रकाशन की किताबों से भी पढ़ाई करायी जाती है। खासकर छठी तक की कक्षा में इनका इस्तेमाल किया जाता है।

CBSE रांची जोन के Co-ordinator सह DPS रांची के प्रिंसिपल डॉ राम सिंह का कहना है कि सीनियर क्लासेज में बच्चे NCERT की किताबों को ज्यादा फॉलो करते हैं।

जूनियर क्लासेज में अन्य प्रकाशन की किताबें भी चलती हैं। अभी एक अप्रैल से क्लासेज चलेंगी, तो Syllabus आगे निकल जायेगा। ऐसे में किताब का इंतजार नहीं किया जा सकता है।

ज्यादातर स्कूलों में नये सत्र की तैयारी शुरू हो चुकी है। Students और अभिभावकों ने किताबें खरीद ली हैं। ऐसे में उन्हें यह चिंता सता रही है कि क्या अब इन किताबों से स्कूलों में पढ़ाई नहीं करायी जायेगी और यदि पढ़ाई नहीं होगी, तो इन किताबों का क्या होगा।

डॉ राम सिंह कहते हैं कि NCERT द्वारा जो बदलाव किया जा रहा है, उसे बाद में शामिल कर लिया जायेगा।

उन्होंने कहा कि जो भी बदलाव होंगे, उन चैप्टर की Photo Copy बच्चों को उपलब्ध करायी जायेगी और पढ़ाया भी जायेगा, ताकि बच्चे अपनी पढ़ाई पूरी कर सकें।

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