HomeUncategorizedभारत ने विकसित किया एईएसए राडार, वायुसेना के विमानों को बनाएगा और...

भारत ने विकसित किया एईएसए राडार, वायुसेना के विमानों को बनाएगा और घातक

Published on

spot_img
spot_img
spot_img

नई दिल्ली: भारत ने एक ऐसा राडार बनाया है जो वायुसेना के लड़ाकू विमानों को और घातक बनाकर न सिर्फ दुश्मनों की नींद उड़ाएगा, बल्कि चुनिंदा देशों की सूची में शामिल हो जायेगा।

अभी तक अमेरिका, यूरोपीय संघ, इजराइल और चीन के पास एईएसए राडार क्षमता है। भारतीय वायु सेना इसी महीने के अंत में स्वदेशी सक्रिय इलेक्ट्रॉनिक स्कैन एरे (एईएसए) राडार के उपयोग का प्रदर्शन करेगी।

इस राडार को लड़ाकू सुखोई-30 एमकेआई के साथ-साथ भारतीय सेना के वाहक-आधारित मिग-29के विमानों पर लगाया जाएगा।

डीआरडीओ के इलेक्ट्रॉनिक्स एंड राडार डवलपमेंट एस्टाब्लिशमेंट (एलआरडीई) के प्रोजेक्ट डायरेक्टर डी. शेषगिरी के मुताबिक स्वदेशी रूप से विकसित एईएसए राडार 95% स्वदेशी है, जिसमें केवल एक आयातित सबसिस्टम है।

यह 100 किमी. से अधिक के दायरे में एक साथ 50 लक्ष्यों को ट्रैक करने और उनमें से चार को एक साथ संलग्न करने की क्षमता रखता है।

शुरुआती 16 तेजस एमके 1ए विमान इजरायली ईएलएम 2052 एईएसए राडार से लैस होंगे और बाकी स्वदेशी इसी राडार से लैस किये जायेंगे।

अगले पांच साल में वायुसेना के तेजस के सभी 83 लड़ाकू विमानों में यह राडार होगा। एयरोनॉटिकल डवलपमेंट एजेंसी (एडीए) जुड़वां इंजन वाला पांचवीं पीढ़ी का एएमसीए फाइटर जेट विकसित कर रहा है जिसमें भी यही राडार लगाये जाने की योजना है।

भारतीय वायुसेना के राष्ट्रीय उड़ान परीक्षण केंद्र ने पहले ही सफल प्रदर्शन परीक्षणों के बाद राडार को हरी झंडी दे दी है।

इससे पहले भारत अपने लड़ाकू विमानों के साथ-साथ स्वदेशी हवाई चेतावनी और नियंत्रण प्रणाली वाले विमानों पर प्राथमिक राडार का उपयोग कर रहा था।

फरवरी, 2019 में अगर भारतीय लड़ाकू विमानों पर एईएसए राडार लगे होते तो बालाकोट हमले में पाकिस्तानी वायु सेना की जवाबी कार्रवाई इस्लामाबाद के लिए और भी घातक हो जाती।

इसीलिए एलआरडीई ने हिन्दुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड के साथ तेजस एमके-1ए पर राडार के प्रमुख इंटीग्रेटर होने के लिए एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए हैं, जिसमें बीईएल सहित चार विक्रेता सबसिस्टम्स के सप्लायर हैं।

राडार का ट्रायल पहले ही दो तेजस लड़ाकू विमानों के साथ-साथ हॉकर सिडली 800 एग्जीक्यूटिव जेट पर 250 घंटे से अधिक समय तक किया जा चुका है।

spot_img

Latest articles

चूटूपालू घाटी में ट्रेलर का कहर, कई गाड़ियां चपेट में, दर्जनभर से ज्यादा घायल

Accident in Chutupalu Valley: जिले में शनिवार को एक भीषण सड़क हादसा हुआ। चूटूपालू...

रजरप्पा के पास हाथियों की दस्तक, जनियामारा में दहशत का माहौल

Elephants Arrive Near Rajrappa : रामगढ़ जिले के रजरप्पा क्षेत्र में जंगली हाथियों (Wild...

सदर अस्पताल रांची की बड़ी उपलब्धि, तीन क्षेत्रों में मिला सम्मान

Sadar Hospital Ranchi's big Achievement: सदर अस्पताल रांची ने स्वास्थ्य सेवाओं के क्षेत्र में...

खनिज भूमि पर सेस बढ़ा, विकास और पर्यावरण को मिलेगा सहारा

Cess on Mineral Land Increased: झारखंड सरकार ने खनिज धारित भूमि पर लगने वाले...

खबरें और भी हैं...

चूटूपालू घाटी में ट्रेलर का कहर, कई गाड़ियां चपेट में, दर्जनभर से ज्यादा घायल

Accident in Chutupalu Valley: जिले में शनिवार को एक भीषण सड़क हादसा हुआ। चूटूपालू...

रजरप्पा के पास हाथियों की दस्तक, जनियामारा में दहशत का माहौल

Elephants Arrive Near Rajrappa : रामगढ़ जिले के रजरप्पा क्षेत्र में जंगली हाथियों (Wild...

सदर अस्पताल रांची की बड़ी उपलब्धि, तीन क्षेत्रों में मिला सम्मान

Sadar Hospital Ranchi's big Achievement: सदर अस्पताल रांची ने स्वास्थ्य सेवाओं के क्षेत्र में...