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फर्जी तरीके से मुआवजा राशि लेने के मामले में डीके वर्मा को राहत नहीं, दंड बरकरार…

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रांची: रांची बिरसा मुंडा एयरपोर्ट के विस्तारीकरण (Expansion of Ranchi Birsa Munda Airport) के लिए जमीन के बदले फर्जी तरीके से 20 लाख से अधिक मुआवजा राशि भुगतान प्राप्त करने के मामले के आरोपित पदाधिकारी और योजना सह वित्त विभाग  के तत्कालीन आप्त सचिव दीपक कुमार वर्मा (Deepak Kumar Verma) को राहत नहीं मिली।

दीपक कुमार अभी सूचना जनसंपर्क विभाग (Information Public Relations Department) के अंतर्गत राज्यपाल सचिवालय में निजी सहायक के पद पर प्रतिनियुक्त हैं।

सरकार ने उनके अपील अभ्यावेदन (Appeal Representation) को खारिज कर दिया है। साथ ही उन्हें दिए गए दंड को यथावत रखा है। इस संबंध में बुधवार को कार्मिक विभाग ने अधिसूचना जारी कर दी है।

बिरसा मुंडा एयरपोर्ट विस्तारीकरण परियोजना (Birsa Munda Airport Expansion Project) के अंतर्गत हेथू ग्राम में खाता संख्या-14, खेसरा-1300 में 0.24 एकड़ भूमि में अवैध तरीके से घोखाधड़ी कर केनरा बैंक के ड्राफ्ट के माध्यम से बीस लाख छत्तीस हजार चार सौ अठारह रुपये का भुगतान दीपक कुमार वर्मा ने उठा लिया।

प्रथम दृष्टया आरोप भी प्रमाणित पाये गये

हेथू ग्राम (Hethu Village) में शिविर लगाकर 26 मार्च, 2015 को चेक दिया गया था। बाद में यह पता चला कि इतनी बड़ी राशि धोखाधडी करके उन्होंने ली, जिसके वे हकदार भी नहीं थे।

पूरे मामले पर सरकार आचरण नियमावली के तहत कार्रवाई शुरू हुई। रांची DC ने कार्रवाई की अनुशंसा की थी, जिसके बाद विभागीय कार्यवाही चली।

प्रथम दृष्टया आरोप भी प्रमाणित पाये गये। जांच में यह बात सामने आयी कि उन्होंने धोखाधडी करके राशि प्राप्त की, जिसके बाद उपायुक्त रांची ने दीपक कुमार वर्मा (Deepak Kumar Verma) से सूद की राशि चक्रवृद्धि ब्याज के साथ 28 मार्च, 2015 से 25 मार्च, 2018 तक 18 प्रतिशत व 26 मार्च, 2018 से 10 मई, 2018 तक 10.5 प्रतिशत की दर से राशि वसूली का प्रतिवेदन दिया।

वसूली की राशि 37, 00,850.33 रुपये की गणना की गयी

इसके तहत वसूली की राशि 37, 00,850.33 रुपये की गणना की गयी। मूल राशि 20, 38,418 रुपये के अतिरिक्त सूद की राशि 16,62, 433 रुपये की वसूली का प्रतिवेदन दिया गया। इसके बाद उन्हें निजी सहायक के पद पर Demote भी कर दिया गया।यह डिमेशन सात साल तक प्रभावी है।

पूरे मामले के पकड़ में आने के बाद आरोपित पदाधिकारी ने मूल राशि 20,38,418 रुपये को वापस सरकारी कोष (Public Funds) में जमा कर दिया। सूद की राशि उनके द्वारा जमा नहीं की गयी।

इस मामले में फिर से रांची उपायुक्त (Ranchi Deputy Commissioner) से सरकार को पत्र लिखा गया है और कहा कि सूद की रकम बढ़ जायेगी। ऐसे में सरकार के स्तर पर निर्णय लिया जाये।

आरोपित पदाधिकारी ने अपने बचाव बयान में कोई ठोस बात नहीं की

इस बीच आरोपित पदाधिकारी ने अपील अभ्यावेदन दायर (Representation Filed) कर सरकार से कहा कि उनके द्वारा राशि जमा कर दी गयी है। ऐसे में न्यायालय के द्वारा अंतिम आदेश पारित होने तक दंड के बिंदु पर निर्णय नहीं लिया जाये।

पूरे मामले पर विचार करने पर सरकार ने पाया कि आरोपित पदाधिकारी ने अपने बचाव बयान में कोई ठोस बात नहीं की है। इसलिए 21 सितंबर, 2021 को दिए गये दंड को यथावत रखने का निर्णय लिया गया।

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