Nuclear Attack: भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव चरम पर है। भारत के ऑपरेशन सिंदूर के तहत पाकिस्तान के आतंकी ठिकानों को नष्ट करने के बाद, पाकिस्तान ने भारत पर कई ड्रोन और मिसाइल हमले किए, जिन्हें भारत के S-400 और आकाश एयर डिफेंस सिस्टम ने नाकाम कर दिया।
हाल ही में पाकिस्तान ने परमाणु हमले की धमकी भी दी, जिससे स्थिति और गंभीर हो गई है। ऐसे में यह समझना जरूरी है कि परमाणु हमला कितना खतरनाक होता है और इसके बाद होने वाली ‘काली बारिश’ हर बूंद को जहर में कैसे बदल देती है।
परमाणु हमला सिर्फ विस्फोट नहीं, रेडिएशन का खतरा
परमाणु बम केवल अपने विस्फोटक शक्ति के लिए नहीं, बल्कि रेडियोधर्मी (Radioactive) प्रभावों के लिए भी खतरनाक है। यह तत्काल विनाश के साथ-साथ लंबे समय तक रेडिएशन से तबाही मचाता है।
1945 में अमेरिका द्वारा जापान के हिरोशिमा और नागासाकी पर गिराए गए परमाणु बमों में हजारों लोग तुरंत मरे, और लाखों लोग रेडिएशन के कारण बाद में जान गंवा बैठे। हिरोशिमा में करीब 80,000 लोग तत्काल मारे गए थे, जबकि रेडिएशन से दशकों तक लोग कैंसर और अन्य बीमारियों से जूझते रहे।
परमाणु हमले के बाद ‘काली बारिश’
परमाणु विस्फोट के बाद वातावरण में भारी मात्रा में रेडियोधर्मी कण, धूल और राख फैल जाती है। यह कण बादलों के साथ मिलकर रेडियोधर्मी बारिश का कारण बनते हैं, जिसे ‘काली बारिश’ (Black Rain) कहा जाता है।
यह बारिश सामान्य नहीं होती, क्योंकि इसमें रेडियोएक्टिव तत्व जैसे यूरेनियम, प्लूटोनियम और स्ट्रॉन्शियम-90 होते हैं।
क्यों होती है काली बारिश? परमाणु विस्फोट से निकलने वाली गर्मी और धूल वातावरण में बादल बनाती है। ये बादल रेडियोधर्मी कणों को सोख लेते हैं और बारिश के रूप में धरती पर गिरते हैं।
खतरा: इस बारिश की बूंदें काली और चिपचिपी होती हैं, जो त्वचा पर जलन, घाव और रेडिएशन बर्न्स का कारण बनती हैं। अगर यह पानी पी लिया जाए या त्वचा के संपर्क में आए, तो यह कैंसर, डीएनए डैमेज और कई गंभीर बीमारियां पैदा कर सकता है।
लंबे समय का असर: काली बारिश का प्रभाव दशकों तक रहता है। यह मिट्टी, पानी और फसलों को दूषित कर देती है, जिससे खाद्य श्रृंखला प्रभावित होती है। हिरोशिमा और नागासाकी में इस बारिश से प्रभावित लोग आज भी बीमारियों से जूझ रहे हैं।
पाकिस्तान की धमकी और भारत की तैयारी
पाकिस्तान ने हाल ही में परमाणु हमले की धमकी दी थी, जिसे भारत ने गंभीरता से लिया है। भारत के पास परमाणु हथियारों के साथ-साथ मजबूत डिफेंस सिस्टम जैसे S-400, आकाश और बराक-8 हैं, जो मिसाइल और ड्रोन हमलों को रोकने में सक्षम हैं।
इसके अलावा, भारत की ‘नो फर्स्ट यूज’ नीति के तहत वह पहले परमाणु हमला नहीं करेगा, लेकिन अगर हमला हुआ तो जवाबी कार्रवाई (Massive Retaliation) इतनी ताकतवर होगी कि हमलावर देश तबाह हो जाएगा।
परमाणु हमले से इस तरह करें बचाव
तुरंत आश्रय लें: विस्फोट के बाद किसी ठोस इमारत या बंकर में छिपें।
काली बारिश से बचें: बारिश के संपर्क में आने से बचें, क्योंकि यह रेडियोधर्मी होती है।
सुरक्षित पानी और भोजन: दूषित पानी या खाना न लें।
रेडिएशन किट: पोटैशियम आयोडाइड टैबलेट्स रेडिएशन के प्रभाव को कम कर सकती हैं।