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NCP विधायक कमलेश सिंह के खिलाफ विधानसभा अध्यक्ष के पास मामला, अब…

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पलामू : झारखंड में NCP के इकलौते विधायक कमलेश कुमार सिंह (Kamlesh Kumar Singh) के खिलाफ शरद गुट ने झारखंड विधानसभा न्यायधिकारण (Jharkhand Legislative Assembly) में मामला दर्ज कराया है।

इस संबंध में विधानसभा अध्यक्ष ने विधायक कमलेश कुमार सिंह (Kamlesh Kumar Singh) से 27 सितंबर तक जवाब तलब किया था।

निर्वाचन आयोग में मामला विचाराधीन

विधायक कमलेश कुमार सिंह के पक्ष में NCP के राष्ट्रीय अध्यक्ष अजीत पवार ने विधानसभा अध्यक्ष को पत्र लिख कर कहा है कि ज्ञात हुआ है कि एक समूह के द्वारा NCP के रूप में एक अयोग्यता याचिका/पत्र भेजा गया है जिसमें झारखंड विधान सभा से NCP विधायक कमलेश कुमार सिंह को अयोग्य घोषित करने की मांग की गई है।

उन्होंने लिखा है कि उन्हें एनसीपी के निर्वाचित और संगठनात्मक विंग ने भारी बहुमत से एनसीपी का राष्ट्रीय अध्यक्ष चुना है।

मुंबई में आयोजित NCP के खुले राष्ट्रीय सम्मेलन में भी NCP के राष्ट्रीय अध्यक्ष के रूप में नियुक्ति की पुष्टि हुई है। नियुक्ति के तथ्य को जुलाई 2023 में पत्र के मध्यम से भारत के चुनाव आयोग को सूचित कर दिया गया है।

निर्वाचन आयोग में मामला विचाराधीन है। उन्होंने लिखा है कि वर्तमान में NCP महाराष्ट्र व नागालैंड राज्य में एक मान्यता प्राप्त राज्य पार्टी है।

महाराष्ट्र राज्य में भारी बहुमत के अलावा झारखंड विधानसभा में एक मात्र NCP  विधायक का समर्थन प्राप्त है।

विधायक कमलेश कुमार सिंह ने कहा कि जब घड़ी चुनाव चिन्ह का मामला फिलहाल चुनाव आयोग के पास है और एनसीपी के अध्यक्ष के तौर पर अजित पवार को पार्टी के नेताओं ने चुना है, तो कोई कैसे दावा कर सकता है कि घड़ी चुनाव चिन्ह उनका हो सकता है।

दल बदल कानून उनपर लागू नहीं होता

पूरी प्रक्रिया के साथ राष्ट्रीय अध्यक्ष और कार्यकारणी का चुनाव किया गया है। इसकी जानकारी चुनाव आयोग को भी दी गई है। बावजूद उनके खिलाफ विधानसभा अध्यक्ष को पत्र भेजना समझ से परे है।

झारखंड एनसीपी प्रदेश अध्यक्ष कमलेश ने मंगलवार को कहा कि जितेंद्र अहवद के द्वारा विधानसभा अध्यक्ष को एक पत्र भेजा गया है।

इस पत्र में उनपर दल बदल का आरोप लगाया गया है। इसके बाद विधानसभा से उन्हे पत्र मिला है, जिसका जवाब अजित पवार और प्रफुल पटेल ने दे दिया है।

शरद गुट के द्वारा विधानसभा अध्यक्ष को इस तरह से पत्र देना कही से भी उचित नहीं है। वह झारखंड से NCP के इकलौते विधायक है। दल बदल कानून उनपर लागू नहीं होता है।

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