Homeझारखंडझारखंड के 65 हजार पारा शिक्षकों ने बनाया जोरदार आंदोलन का मूड,...

झारखंड के 65 हजार पारा शिक्षकों ने बनाया जोरदार आंदोलन का मूड, बोले- हेमंत सरकार बना रही है बेवकूफ

Published on

spot_img

रांची: लंबे समय से स्थायीकरण व वेतनमान की मांग को लेकर आंदोलन कर रहे राज्य के 65000 पारा शिक्षकों ने एक बार फिर से आंदोलन का बिगुल फूंक दिया है।

साथ ही राज्य की हेमंत सरकार को वादे जल्द पूरे करने का आग्रह करते हुए इस बार जोरदार आंदोलन की चेतावनी दी है। इस संबंध में  एकीकृत पारा शिक्षक संघर्ष मोर्चा की राज्य इकाई ने सरकार को अल्टीमेटम दिया है।

इकाई के विनोद बिहारी महतो, संजय कुमार दुबे, ऋषिकेश पाठक, प्रमोद कुमार, सिंटू सिंह, दशरथ ठाकुर, मोहन मंडल ने संयुक्त बयान जारी कर सरकार से पारा शिक्षकों के स्थायीकरण, वेतनमान व अप्रशिक्षित के मानदेय भुगतान के साथ किसी प्रकार की दुर्घटना होने पर उनके परिजनों को सहयोग करने का आग्रह किया है।

हेमंत सरकार काफी उम्मीदें थीं, परंतु अब वह उम्मीद धीरे धीरे कम खत्म होती जा रही

साथ ही कहा है कि मांगें पूरी नहीं होने पर राज्य के पारा शिक्षक इस बार जोरदार आंदोलन करेंगे और इसकी सारी जवाबदेही राज्य सरकार की होगी।

क्या हैं आंदोलन की रणनीति

आंदोलन को लेकर पारा शिक्षकों ने 25 जुलाई को प्रखंड कमिटी तथा एक अगस्त को जिला कमिटी की बैठक के बाद राजस्तरीय बैठक कर आगे के आन्दोलन की रणनीति की घोषणा की जाएगी।

इस बीच सभी सताघारी विधायक व मंत्री गण के आवास पर जाकर अपनी भावना से उन्हें अवगत कराते हुए मुख्यमंत्री को अवगत कराने का आग्रह करेंगे। प्रखण्ड और जिला कमिटी की बैठक कर लिखित प्रस्ताव से राज्यकमिटी को पांच अगस्त तक अवगत कराएं।

पुनः एकीकृत पारा शिक्षक संघर्ष मोर्चा की राज्य इकाई मुख्यमंत्री सह शिक्षा मंत्री से आग्रह करती है कि राज्य में कार्यरत 65000 शिक्षकों के स्थायीकरण और वेतनमान समेत अप्रशिक्षित के मानदेय भुगतान के साथ किसी प्रकार की दुर्घटना होने के बाद उनके परिजनों को सहयोग प्राप्त हो। ऐसा प्रावधान जल्द से जल्द पास करने की मांग करती है।

हेमंत सरकार से थीं काफी उम्मीदें

पारा शिक्षकों की राज्य इकाई ने कहा है कि शिक्षा मंत्री के स्वस्थ होने से उनमें काफी खुश हैं परंतु मंत्री के आने के बाद भी सरकार द्वारा पारा शिक्षकों के स्थायीकरण, वेतनमान को लेकर आगे न बढ़ पाने से काफी दुखी हैं।

ज्ञात हो कि विगत वर्षों में राज्य में निरंतर पारा शिक्षकों की मौत हो रही है, परंतु सरकार द्वारा उनके परिजनों को एक रुपया भी नहीं मिल पाता है आज राज्य के पारा शिक्षक विगत 20 वर्षों से सेवारत हैं।

प्रतिवर्ष आंदोलनरत रहे हर सरकार आती है और हमारे भविष्य को सुरक्षित करने की वादा करती है।

चुनाव के समय मुख्यमंत्री महोदय द्वारा भी आश्वस्त किया गया कि मेरी सरकार बनते ही राज्य के पारा शिक्षकों के भविष्य को सुरक्षित की जाएगी।

पारा शिक्षकों के स्थायीकरण और वेतनमान के लिए विभिन्न राज्यों का दौरा भी किया गया। कमेटी की रिपोर्ट भी आ गई।

फाइनल निर्णय मुख्यमंत्री को लेना है, उसमें भी विलंब होने से राज्य के पारा शिक्षकों में काफी दुख व्याप्त है। हेमंत सरकार काफी उम्मीदें थीं, परंतु अब वह उम्मीद धीरे धीरे कम खत्म होती जा रही है।

spot_img

Latest articles

सहारा की ज्यादातर संपत्तियां अडानी के हवाले? सुप्रीम कोर्ट की मंजूरी का इंतजार

New Delhi News: सहारा समूह का लंबे समय से अटका वित्तीय विवाद अब एक...

अगस्त 2025 में भारत के स्मार्टफोन निर्यात में 39% की उछाल

Smartphone exports jump 39%: भारत के स्मार्टफोन निर्यात ने अगस्त 2025 में शानदार प्रदर्शन...

गाजा में इजरायली हमलों में 17 फलस्तीनियों की मौत

Israeli attacks in Gaza: गाजा पट्टी में गुरुवार को इजरायली हमलों में कम से...

खबरें और भी हैं...

सहारा की ज्यादातर संपत्तियां अडानी के हवाले? सुप्रीम कोर्ट की मंजूरी का इंतजार

New Delhi News: सहारा समूह का लंबे समय से अटका वित्तीय विवाद अब एक...

अगस्त 2025 में भारत के स्मार्टफोन निर्यात में 39% की उछाल

Smartphone exports jump 39%: भारत के स्मार्टफोन निर्यात ने अगस्त 2025 में शानदार प्रदर्शन...