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प्रियंका गांधी ने जेल में नलिनी से मुलाकात कर पिता राजीव गांधी की हत्या के बारे में की थी पूछताछ

चेन्नई: पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की हत्या के मामले (Rajiv Gandhi Murder Case) में रिहा हुए दोषियों में से एक नलिनी श्रीहरन (Nalini Sriharan) ने रविवार को यहां कहा कि Priyanka Gandhi  ने वर्ष 2008 में जेल में उससे मुलाकात के दौरान अपने पिता की हत्या के बारे में पूछा था।

नलिनी ने अब तक के अपने पहले संवाददाता सम्मेलन (Press Conference) में संबंधित मुलाकात के बारे में एक सवाल का जवाब देते हुए यहां कहा कि वह जो कुछ भी जानती थी, उसके बारे में प्रियंका को बता दिया।

यह पूछे जाने पर कि 2008 में तमिलनाडु के वेल्लोर केंद्रीय कारागार में मुलाकात के दौरान प्रियंका मजबूत दिखी थीं या ‘‘भावुक होकर रो पड़ी थीं’’, नलिनी ने कहा, ‘‘हां वह बहुत भावुक हो गई थीं।’’

यदि गांधी परिवार के लोग उससे मिलना चाहेंगे तो वह उनसे मिलेगी: नलिनी

नलिनी ने कहा कि समय बीतने के बावजूद, अपने पिता की हत्या (Murder) के कारण प्रियंका को मिले ‘‘घाव’’ उस मुलाकात में भी ठीक नहीं हुए थे। दोबारा यह पूछे जाने पर कि क्या प्रियंका रो पड़ी थीं, नलिनी ने कहा, ‘‘हां’’।

राजीव गांधी की 21 मई 1991 को तमिलनाडु के श्रीपेरंबदूर में एक आत्मघाती विस्फोट में हत्या कर दी गई थी।

नलिनी ने कहा कि मुलाकात में हुई अन्य बातों का खुलासा नहीं किया जा सकता क्योंकि यह प्रियंका के निजी विचारों से संबंधित है। नलिनी को 12 नवंबर को उच्चतम न्यायालय (Supreme court) के आदेश के बाद रिहा कर दिया गया था।

यह पूछे जाने पर कि क्या उसे गांधी परिवार के सदस्यों से मिलने में कोई झिझक रही है, नलिनी ने कहा कि हत्याकांड की पृष्ठभूमि के चलते इस तरह की झिझक रही है। उसने कहा कि यदि गांधी परिवार के लोग उससे मिलना चाहेंगे तो वह उनसे मिलेगी।

2000 में नलिनी की मौत की सजा को आजीवन कारावास में बदल दिया था

जेल में 30 से अधिक वर्षों में सीखे गए पाठ के बारे में पूछे जाने पर नलिनी ने कहा कि जेल एक ‘बड़ा विश्वविद्यालय’ है जहां उसने बहुत सी चीजें सीखी हैं।

यह पूछे जाने पर कि क्या जेल में जीवन और सुरक्षित रिहाई के लिए कानूनी संघर्ष (Legal Conflict) पर आत्मकथा जैसी किताब लिखने की उसकी कोई योजना है, उसने कहा कि उसका ध्यान केवल अपने पति श्रीहरन और लंदन में रह रही अपनी बेटी के साथ रहने पर है।

उच्चतम न्यायालय ने 1999 में नलिनी, उसके पति श्रीहरन और दो अन्य को मौत की सजा की पुष्टि की थी।

तमिलनाडु सरकार (Government of Tamil Nadu) ने 2000 में नलिनी की मौत की सजा को आजीवन कारावास में बदल दिया था। नलिनी और श्रीहरन शीर्ष अदालत के आदेश के बाद 12 नवंबर को रिहा हुए छह दोषियों में शामिल हैं।

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