झारखंड

रेलवे को 5 साल में आंदोलनों से हुआ 4740 करोड़ रुपये का घाटा

नई दिल्ली: रेलगाड़ियों के परिचालन को बाधित करने के लिए पटरियों पर रुकावट खड़ी करना भले ही अपराध हो लेकिन पिछले पांच सालों में भारतीय रेलवे को प्लेटफार्मों और रेल पटरियों के पास धरना सहित विभिन्न आंदोलनों और हड़तालों के कारण 4740.12 करोड़ रुपये माल राजस्व की हानि हो चुकी है।

रेल मंत्री पीयूष गोयल ने शुक्रवार को राज्यसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में बताया कि पिछले पांच वर्षों और चालू वर्ष के दौरान प्लेटफार्मों और रेलवे पटरियों के पास धरना सहित विभिन्न आंदोलनों और हड़तालों के कारण 11561 माल लदान और 4740.12 करोड़ रुपये माल राजस्व की हानि हुई है।

रेकों में माल लदान में हानि

वर्ष 2015-16 में 1601, 2016-17 में 1709, 2017-18 में 1536, 2018-19 में 1868, 2019-20 में 1318 और 2020-21 में 3529 माल लदान की हानि हुई।

माल राजस्व में हानि

वर्ष 2015-16 में 632.69, 2016-17 में 633.54, 2017-18 में 581.75, 2018-19 में 911.85, 2019-20 में 517.84 और 2020-21 में 1462.45 करोड़ रुपये की हानि हुई।

Back to top button
Close

Adblock Detected

Please consider supporting us by disabling your ad blocker