झारखंड

राजस्थान के कैबिनेट मंत्री मास्टर भंवरलाल मेघवाल का निधन

जयपुर/चूरू: चूरु जिले की सुजानगढ़ विधानसभा क्षेत्र से विधायक कांग्रेस नेता, राजस्थान सरकार में सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री मास्टर भंवरलाल मेघवाल का सोमवार को लंबी बीमारी के बाद गुरुग्राम के मेदांता अस्पताल में निधन हो गया। वे 72 वर्ष के थे।

मेघवाल के निधन पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, केन्द्रीय मंत्री गजेन्द्रसिंह शेखावत, केन्द्रीय राज्य मंत्री अर्जुनराम मेघवाल, केन्द्रीय कृषि राज्य मंत्री कैलाश चौधरी, राज्य मंत्रिमंडल के सदस्य, पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट, पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे, प्रदेश भाजपा अध्यक्ष सतीश पूनियां, सांसद समेत कई नेताओं ने संवेदना व्यक्त की है। मुख्यमंत्री ने मंगलवार को एक दिन का राजकीय शोक घोषित किया है।

इस दौराना राज्य में राष्ट्रीय ध्वज आधा झुका रहेगा और सभी राजकीय कार्यालयों में अवकाश रहेगा।

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने राजस्थान के कैबिनेट मंत्री मास्टर भंवरलाल मेघवाल के निधन पर दुख व्यक्त करते हुए कहा कि मेघवाल एक अनुभवी नेता थे, हमेशा राजस्थान की सेवा के लिए उत्साहित रहते थे। दुख की इस घड़ी में, उनके परिवार और समर्थकों को मेरी संवेदना।

मुख्यमंत्री गहलोत ने अपने संवेदना संदेश में कहा कि लम्बी बीमारी के बाद आज हमारे साथी केबिनेट मंत्री मास्टर भंवर लाल मेघवाल के निधन की खबर सुनकर बहुत गहरा दुख हुआ। वर्ष 1980 से स्व. मास्टर भंवर लाल मेघवाल और मेरा साथ रहा है। जनहित से जुड़े मुद्दों एवं दलित समाज के हित से जुड़ी समस्याओं को उन्होंने हमेशा प्रमुखता से उठाया।

अपनी प्रतिभा एवं लगन से उन्होंने सार्वजनिक जीवन में विशिष्ट पहचान बनाई। प्रदेश में विभिन्न महत्वपूर्ण मंत्रालयों के मंत्री के रूप में उनकी उल्लेखनीय सेवाओं को सदैव याद किया जाएगा।

पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने अपने शोक संदेश में कहा- कांग्रेस के वरिष्ठ नेता एवं कैबिनेट मंत्री मास्टर भंवरलाल मेघवाल के निधन से आहत हूं। उनका निधन सिर्फ़ कांग्रेस के लिए ही नहीं, बल्कि समूचे प्रदेश के लिए एक अपूरणीय क्षति है।

उल्लेखनीय है कि 18 दिन पहले ही मेघवाल की बेटी बनारसी मेघवाल का भी निधन हो गया था। पारिवारिक सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार वे लम्बे समय से ब्रेन हेमरेज के बाद पहले उन्हें जयपुर के सवाई मानसिंह अस्पताल में भर्ती कराया गया था। इसके बाद उन्हें गुरुग्राम के मेदांता हॉस्पिटल में रेफर किया गया था। मेदांता में मेघवाल वेंटीलेटर पर थे। कुछ ही समय पूर्व उन्हें पैरालिसिस भी हो गया था। उनके निधन पर चूरू जिले के कांग्रेस कार्यकर्ताओं में शोक व्याप्त हो गया है।

शिक्षक से नेता बने मेघवाल
मास्टर भंवरलाल मेघवाल का जन्म चूरु जिले की सुजानगढ़ तहसील के गांव बाघसरा पूर्वी में 2 जुलाई 1948 को हुआ था। मेघवाल की प्रारंभिक शिक्षा निकटवर्ती गांव खिंचीवाल के स्कूल से हुई। हायर सेकेंडरी तक पढ़ने के बाद 1968 में शिक्षक बने। मेघवाल 1970 से 1977 तक 7 साल सुजानगढ़ के नया बास स्थित राजकीय झंवर स्कूल में अध्यापक रहे। यही से बतौर मास्टर भंवरलाल के नाम से प्रसिद्ध हो गए। एक दलित नेता के रूप में उभरे मेघवाल का राजनीतिक सफर 1977 से शुरू हुआ। उन्हें पहली बार कांग्रेस से विधायक का टिकट मिला, लेकिन वे पहला चुनाव हार गए। 1980 में कांग्रेस दुबारा टिकट नहीं दिया निर्दलीय चुनाव लड़े और पहली बार चुनाव जीतकर विधानसभा पहुंचे। बाद वे कांग्रेस में शामिल हो गये और उसके बाद राजनीति में कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा। हार जीत का सिलसिला उनके जीवन में लगातार चलता रहा।

सुजानगढ़ विधानसभा क्षेत्र से मेघवाल 1980, 1990, 1998, 2008, 2018 में विधायक चुने गये। कई सरकारों में मंत्री रहे। मेघवाल की छवि एक दबंग दलित नेता की रही। वे अपने विवादित बोल को लेकर सुर्खियों में बने रहते थे। 2018 में मेघवाल 38 हजार 749 मतों से जीतकर आए। गहलोत सरकार में उन्हें कैबिनेट मंत्री बनाया गया था।

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