Ranchi News: रांची में 10वीं मुहर्रम के मौके पर इमाम हुसैन और उनके 72 साथियों की कर्बला में भूखे-प्यासे शहादत को याद किया गया। रविवार को मस्जिद जाफरिया में आयोजित मजलिस को संबोधित करते हुए झारखंड वक्फ बोर्ड के सदस्य और इमाम हजरत मौलाना सैयद तहजीबुल हसन रिजवी ने कहा कि कर्बला सच्चाई और इंसानियत का प्रतीक है। उन्होंने कहा, “अगर कर्बला न होता, तो लोगों में सच्चाई के लिए शहादत का जज्बा न होता। कर्बला इंसानियत को जगाने और सच्चाई के लिए बहादुरी से कुर्बानी देने का संदेश देता है।”मौलाना रिजवी ने बताया कि कर्बला के मैदान में एक तरफ मुआविया का बेटा यजीद था, तो दूसरी तरफ अली के बेटे इमाम हुसैन।
हुसैन ने तीन दिन भूखे-प्यासे रहकर इंसाफ और सच्चाई के लिए अपनी जान कुर्बान की, यह साबित करते हुए कि सच्चाई की जीत हमेशा होती है। अंजुमन जाफरिया की ओर से मस्जिद जाफरिया से निकला जुलूस विक्रांत चौक, चूना मंदिर, चर्च रोड, टैक्सी स्टैंड, डेली मार्केट थाना, उर्दू लाइब्रेरी, अंजुमन प्लाजा, डॉ फतहउल्लाह रोड से होते हुए कर्बला पहुंचा। जुलूस में सभी धर्मों और समुदायों के लोग शामिल हुए, जो एकता की मिसाल बना।
जुलूस में नोहा खानी कासिम अली, अबुजर अली, गुलाम हुसैन, अमीर गोपाल पुरी और असगर इमाम रिजवी ने की। इस मौके पर सागर कुमार, जय सिंह यादव, पूर्व केंद्रीय मंत्री सुबोधकांत सहाय, सेंट्रल मुहर्रम कमेटी के महासचिव अकील-उर-रहमान, मो इस्लाम, इमाम बख्श अखाड़ा के खलीफा मो महजूद, धौताल अखाड़ा के खलीफा पप्पू गद्दी, लीलू अली अखाड़ा के खलीफा सज्जाद, भाजपा नेता तारिक, सुहेल सईद, सैयद निहाल अहमद सहित कई लोग मौजूद थे।