Ratu Road Flyover: रांची जिला माली (मालाकार) कल्याण समिति ने नवनिर्मित रातू रोड एलिवेटेड कॉरिडोर (Flyover) का नामकरण महात्मा ज्योतिबा राव फुले पथ करने और इसके दोनों छोर पर महात्मा ज्योतिबा फुले व सावित्रीबाई फुले की संयुक्त आदमकद प्रतिमा या स्मृति चिह्न स्थापित करने की मांग की है। समिति ने बुधवार को रांची के सांसद और केंद्रीय रक्षा राज्य मंत्री संजय सेठ को इस संबंध में ज्ञापन सौंपा।
महात्मा फुले का योगदान
ज्ञापन में कहा गया कि महात्मा ज्योतिबा राव फुले और सावित्रीबाई फुले ने 19वीं सदी में शिक्षा, सामाजिक समानता, और महिला सशक्तिकरण के क्षेत्र में क्रांतिकारी योगदान दिया।
फुले दंपति ने भारत में पहली बार बालिका विद्यालय स्थापित कर महिलाओं को शिक्षा का अधिकार दिलाया और सामाजिक कुरीतियों जैसे सती प्रथा, बाल विवाह, और छुआछूत के खिलाफ आवाज उठाई। समिति ने उनके विचारों को आज के समाज के लिए प्रेरणास्रोत बताया।
झारखंड में पहली पहल
समिति के अध्यक्ष सुरेश मालाकार ने कहा, “झारखंड में अभी तक महात्मा फुले के नाम पर कोई मार्ग, प्रतिमा, पार्क, या स्मारक नहीं है। रांची का रातू रोड फ्लाईओवर, जो 3.57 किमी लंबा और 400 करोड़ की लागत से बना है, ट्रैफिक जाम से राहत दिलाने वाला एक महत्वपूर्ण ढांचा है। इसका नामकरण महात्मा फुले के नाम पर करना माली समाज और समस्त बहुजन समाज के लिए गौरव की बात होगी।”
प्रतिमा स्थापना का प्रस्ताव
समिति ने सुझाव दिया कि फ्लाईओवर के दोनों छोर, विशेष रूप से पिस्का मोड़ (जहां पंडरा और ITI की ओर मार्ग अलग होता है) और राजभवन के पास, महात्मा फुले और सावित्रीबाई फुले की संयुक्त आदमकद प्रतिमा या साइड मूर्ति स्थापित की जाए। इससे न केवल उनकी स्मृति को सम्मान मिलेगा, बल्कि युवा पीढ़ी उनके योगदान से प्रेरित होगी।
सांसद संजय सेठ ने समिति के ज्ञापन को गंभीरता से लेते हुए कहा कि वह इस मांग को केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय और राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) के समक्ष उठाएंगे। उन्होंने आश्वासन दिया कि फुले दंपति के योगदान को सम्मान देने के लिए उचित कदम उठाए जाएंगे।