Jharkhand Liquor Scam: झारखंड के बहुचर्चित 38 करोड़ रुपये के शराब घोटाले में निलंबित IAS अधिकारी विनय कुमार चौबे के करीबी और रांची के मशहूर ऑटोमोबाइल कारोबारी विनय सिंह की अग्रिम जमानत याचिका पर सोमवार को सुनवाई हुई। एसीबी के विशेष न्यायाधीश योगेश कुमार सिंह की अदालत में सुनवाई के दौरान भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (ACB) ने केस डायरी जमा करने के लिए अतिरिक्त समय मांगा, जिसे कोर्ट ने स्वीकार कर लिया। हालांकि, कोर्ट ने विनय सिंह के खिलाफ पीड़क कार्रवाई पर कोई रोक नहीं लगाई। ACB ने पहले ही विनय सिंह के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी करवाया था, क्योंकि उन्हें पूछताछ के लिए कई बार समन भेजे गए, लेकिन वे उपस्थित नहीं हुए। जांच में विनय सिंह पर आरोप है कि उन्होंने विनय चौबे की अवैध कमाई को विभिन्न माध्यमों से निवेश किया।
सूत्रों के अनुसार, ACB ने दिल्ली में उनके ठिकानों पर छापेमारी की, लेकिन उनकी गिरफ्तारी की आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है। झारखंड में शराब घोटाले की जांच में ACB ने अब तक सात आरोपियों को गिरफ्तार किया है, जिनमें पूर्व उत्पाद सचिव विनय कुमार चौबे, संयुक्त आयुक्त गजेंद्र सिंह, JSBCL के पूर्व महाप्रबंधक सुधीर कुमार, वर्तमान GM फाइनेंस सुधीर कुमार दास, मार्शन कंपनी के प्रतिनिधि नीरज कुमार सिंह और छत्तीसगढ़ के कारोबारी सिद्धार्थ सिंघानिया शामिल हैं। सभी वर्तमान में न्यायिक हिरासत में हैं।
जांच में सामने आया है कि छत्तीसगढ़ मॉडल के तहत मई 2022 में झारखंड में शुरू हुई शराब की खुदरा बिक्री में फर्जी बैंक गारंटी, अवैध वसूली और नीतिगत भ्रष्टाचार के जरिए 38.44 करोड़ रुपये से अधिक का नुकसान हुआ। इसमें प्लेसमेंट एजेंसियों और अधिकारियों की सांठगांठ से सरकारी खजाने को चपत लगाई गई।विनय सिंह की जमानत याचिका पर अगली सुनवाई की तारीख तय होने की उम्मीद है, जबकि ACB उनकी तलाश और जांच को और तेज करने में जुटी है। इस घोटाले ने झारखंड और छत्तीसगढ़ में राजनीतिक और प्रशासनिक हलकों में हलचल मचा दी है।