Sahibganj News: झारखंड के साहिबगंज जिले के भोगनाडीह में हूल दिवस के अवसर पर सिदो-कान्हु पार्क में ताला टूटने से आदिवासी समुदाय में आक्रोश फैल गया।
सोमवार सुबह आदिवासियों ने पुलिस पर तीर और पत्थरों से हमला कर दिया, जिसमें तीन पुलिसकर्मी घायल हो गए। स्थिति को नियंत्रित करने के लिए पुलिस को आंसू गैस का इस्तेमाल करना पड़ा। घटना के बाद भारी पुलिस बल तैनात किया गया है, और अब स्थिति सामान्य है।
कैसे हुई घटना?
भोगनाडीह, जहां 1855 में सिदो-कान्हु मुर्मू के नेतृत्व में संथाल हूल क्रांति शुरू हुई थी, आदिवासी समुदाय के लिए पवित्र स्थल है। सोमवार को सिदो-कान्हु हूल फाउंडेशन और आतु मांझी बैसी द्वारा आयोजित समानांतर कार्यक्रम के लिए प्रशासन ने अनुमति नहीं दी थी, क्योंकि मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की अगुवाई में सरकारी आयोजन पहले से निर्धारित था।
इसके बावजूद, फाउंडेशन ने पार्क में पंडाल लगाने की कोशिश की। शनिवार रात पुलिस ने 13 कार्यकर्ताओं को हिरासत में लिया, जिसके विरोध में रविवार को सिदो-कान्हु के वंशज मंडल मुर्मू के नेतृत्व में आदिवासियों ने पार्क में ताला जड़ दिया और पारंपरिक हथियारों के साथ प्रदर्शन किया।
सोमवार सुबह ताला टूटने की घटना ने तनाव बढ़ा दिया। आदिवासियों ने पुलिस पर तीर और पत्थरों से हमला किया, जिसके जवाब में पुलिस ने हल्का लाठीचार्ज और आंसू गैस का उपयोग किया।
इसमें तीन पुलिसकर्मी घायल हुए, जिन्हें इलाज के लिए अस्पताल भेजा गया। इसके बाद आदिवासियों ने सिदो-कान्हु, चांद-भैरव, और फूलो-झानो की प्रतिमाओं पर माल्यार्पण किया।
घटना के बाद साहिबगंज के उपायुक्त हेमंत सती और पुलिस अधीक्षक अमित कुमार सिंह मौके पर पहुंचे। पुलिस अधीक्षक ने कहा, “कुछ ग्रामीणों ने पुलिस पर तीर और पत्थरों से हमला किया, जिसके बाद स्थिति को नियंत्रित करने के लिए हल्का बल प्रयोग किया गया। अब स्थिति सामान्य है, और सरकारी आयोजन सुचारू रूप से चल रहा है।” भारी पुलिस बल तैनात किया गया है, और मामले की जांच जारी है।