Ranchi News: हूल दिवस के अवसर पर झारखंड लोकतांत्रिक क्रांतिकारी मोर्चा (JLKM) ने रांची के सिद्धो-कान्हो पार्क में शहीद सिद्धो, कान्हू, चांद, भैरव और फूलो-झानो को श्रद्धांजलि अर्पित की। मोर्चा के कार्यकर्ताओं ने उनकी प्रतिमाओं पर माल्यार्पण कर जयघोष के साथ आदिवासी सांस्कृतिक वेशभूषा में उत्सव मनाया। आदिवासी नृत्य और संगीत से सराबोर इस कार्यक्रम में स्थानीय समुदाय ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया।JLKM के केंद्रीय वरीय उपाध्यक्ष देवेंद्रनाथ महतो ने कहा, “हूल दिवस हमारे लिए सिर्फ इतिहास की याद नहीं, बल्कि एक प्रेरणा है जो हमें जल, जंगल और जमीन की रक्षा के लिए निरंतर संघर्ष करने को प्रेरित करती है।
1855 में भोगनाडीह से शुरू हुआ आदिवासी आंदोलन आज भी बाहरी तत्वों और प्राकृतिक संसाधनों की लूट के खिलाफ जारी है।” उन्होंने मौजूदा सरकारों पर आदिवासी और मूलवासी अधिकारों को कमजोर करने और संसाधनों की लूट में सहभागी होने का आरोप लगाया।महतो ने जोर देकर कहा कि JLKM की मांग है कि सरकार आदिवासी-मूलवासी की जमीन, पहचान और अधिकारों की पूरी रक्षा करे। “स्थानीय समुदायों को उनका हक, आरक्षण और सम्मान मिलना चाहिए। 1932 की खतियान नीति को लागू कर स्थानीय लोगों को रोजगार और अधिकार सुनिश्चित किए जाएं,” उन्होंने कहा।
कार्यक्रम में JLKM के जिलाध्यक्ष आलोक उरांव, पार्वती देवी, संतोष साहू, चंदन रजक, रविंद्र दीपक, अनूप सिंह, अजहर अंसारी, प्रभाकर सहित कई कार्यकर्ता और स्थानीय लोग मौजूद थे। इस अवसर पर आदिवासी संस्कृति और संघर्ष की भावना को जीवंत रखने का संकल्प लिया गया।