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सहारा की सहकारी समितियां में ग्राहकों के जमा 258.47 करोड रुपए रिफंड, लोकसभा में…

Sahara Refund: सरकार ने मंगलवार को लोकसभा (Lok Sabha) में बताया कि सहारा समूह की सहकारी समितियों में जमाकर्ताओं को 258.47 करोड़ रुपए Refund किए गए। “CRCS-Sahara Refund Portal” पर करीब 1.21 करोड़ आवेदन रजिस्टर्ड किए गए हैं।

इसमें कहा गया है कि 31 जनवरी तक सहारा समूह की सहकारी समितियों के 2.77 लाख जमाकर्ताओं को 258.47 करोड़ रुपए जारी किए गए। हालांकि सहकारिता मंत्री अमित शाह (Amit Shah) के लिखित जवाब में कहा कि आवेदनों का राज्यवार वितरण उपलब्ध नहीं है। पोर्टल जुलाई 2023 में लॉन्च किया गया था।

इसमें कहा गया है कि पोर्टल पर प्राप्त आवेदनों को उचित पहचान और जमा का प्रमाण जमा करने पर पारदर्शी तरीके से Processed किया जा रहा है। भुगतान सीधे वास्तविक जमाकर्ताओं के आधार से जुड़े बैंक खाते में जमा किया जा रहा है।

वर्तमान में आधार से जुड़े बैंक खाते के जरिये सत्यापित दावों के खिलाफ सहारा समूह की सहकारी समितियों के प्रत्येक वास्तविक जमाकर्ता को केवल 10,000 रुपए तक का भुगतान किया जा रहा है।

बड़ी संख्या में रजिस्ट्रेशन

इसमें कहा गया है कि Claim प्रस्तुत करने में कोई तकनीकी समस्या या मुद्दा नहीं है जैसा कि बड़ी संख्या में Registration से स्पष्ट है।

इसके अलावा पोर्टल पर जमाकर्ता के आवेदन में कोई कमी पाए जाने पर 15 नवंबर 2023 को पहले से ही लॉन्च किए गए रि-सबमिशन पोर्टल के जरिये उनके आवेदन को फिर से जमा करने के लिए कमियों से अवगत कराया जा रहा है।

सहारा समूह द्वारा संचालित चार सहकारी समितियों में निवेश करने वाले सैकड़ों लोगों ने जमा राशि वापस करने में सरकार की विफलता के खिलाफ 1 फरवरी को दिल्ली में विरोध प्रदर्शन किया। निवेशकों ने कहा कि पोर्टल नन-स्टार्टर रहा है क्योंकि अधिकांश क्लैम को कमी के आधार पर खारिज कर दिया जा रहा है।

चार सहकारी समितियां

18 जुलाई 2023 को केंद्र सरकार ने चार सहकारी समितियों – सहारा क्रेडिट कोऑपरेटिव सोसाइटी लिमिटेड, सहारायन यूनिवर्सल मल्टीपर्पज सोसाइटी लिमिटेड, Hamara India Credit Cooperative Society Limited, और स्टार्स मल्टीपर्पज कोऑपरेटिव सोसाइटी लिमिटेड में छोटे निवेशकों के लिए सेंट्रल रजिस्ट्रार ऑफ कोऑपरेटिव सोसाइटीज (CRCS) पोर्टल – mocrefund.crcs.gov.in लॉन्च की।

इन्हें बहु-राज्य सहकारी समिति अधिनियम 2002 के प्रावधानों के तहत लखनऊ, भोपाल, Hyderabad और कोलकाता में मार्च 2010 से जनवरी 2014 तक रजिटर्ड किया गया था।

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