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परेशान ग्रामीणों से SDO ने कहा- “NH के किनारे घर बनाने के लिए किसने बोला”, पढ़ने जब एक जनता के सेवक ने नहीं सुनी गुहार

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रामगढ़: जिले के ग्राम मुर्रामकला के ग्रामीण एनएचएआई की हरकतों से परेशान हैं।

परेशान ग्रामीण मंगलवार की शाम एसडीओ कीर्ति श्री से गुहार लगाने पहुंचे, तो वहां उन्हें बदले में फटकार लगी।

यह मामला आग की तरह फैला। अधिकारी द्वारा ग्रामीणों को फटकार लगाए जाने की बात सुनते ही विधायक ममता देवी सीधे एसडीओ कार्यालय में धमकी। उन्होंने ऑन द स्पॉट अधिकारियों को की क्लास लगा दी।

विधायक ममता देवी ने एसडीओ कीर्ति श्री से बात की और कहा कि सरकार ने आपको जनता की सेवा के लिए बैठाया है। आप एक जिम्मेदार पद पर बैठी हैं। आपको जनता की समस्या का निवारण करना है।

लेकिन जिस तरह से परेशान ग्रामीणों और महिलाओं को फटकार लगाई गई है, उन्हें प्राथमिकी दर्ज करने की धमकी दी गई है, यह बिल्कुल भी सही नहीं है।

एसडीओ से बात करने के बाद विधायक ममता देवी ने एनएचएआई के प्रोजेक्ट डायरेक्टर से भी बात की। उन्होंने कहा कि वे ग्रामीणों के साथ बैठक करें, जिस पुराने नक्शे पर एनएच-33 का निर्माण हुआ है, वह सबके सामने रखें।

जितनी जमीन एनएचएआई ने अधिकृत की है फिलहाल उसी पर फ्लाईओवर का निर्माण करें। जिस स्थान की नापी कर ग्रामीणों का घर उजाड़ने की बात की जा रही है उसे लोग बर्दाश्त नहीं करेंगे।

एसडीओ ने कहा “एनएच के किनारे घर बनाने के लिए किसने बोला”

मुर्रामकला गांव के लोग एसडीओ कार्यालय पहुंचे तो एसडीओ कीर्ति श्री ग्रामीणों पर ही उखड़ गई।

उन्होंने कहा कि एनएच के किनारे घर बनाने के लिए किसने बोला था। अपनी खैर बनाओ कि अभी तक तुम लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज नहीं हुई है।

तुम सभी के खिलाफ तो मुकदमा चलना चाहिए था। ग्रामीणों को फटकार लगाने के बाद सबको कार्यालय से बाहर निकाल दिया गया। इसके बाद ग्रामीणों ने विधायक ममता देवी और पार्टी प्रवक्ता मुकेश यादव से पूरी व्यथा सुनाई।

क्या है मामला

रांची- पटना राष्ट्रीय राजमार्ग-33 रामगढ़ से होकर गुजरती है।

रामगढ़ के पटेल चौक पर लगातार हो रहे हादसे को रोकने के लिए जिला प्रशासन के द्वारा एनएचएआई को पत्राचार किया गया था।

स्थानीय समाज सेवी संस्था और पुलिस पदाधिकारी के द्वारा भी एनएचएआई के अधिकारियों को यह बताया गया था कि पटेल चौक पर अक्सर हादसे होते रहते हैं।

इसका समाधान निकालने के लिए एनएसीआई ने फ्लाईओवर निर्माण करने का प्रस्ताव पारित किया। 2012- 13 में जब फोरलेन निर्माण का कार्य चल रहा था, उस वक्त एनएचएआई ने सड़क निर्माण के लिए जमीन का अधिग्रहण किया था।

उस वक्त भी सैकड़ों मकान और दुकान तोड़े गए थे। इसके बाद एनएचएआई ने अधिग्रहित जमीन तक अपना पिलर गाड़ दिया था।

अब फ्लाईओवर का निर्माण हो रहा है, तो एनएचएआई के अधिकारियों ने दुबारा जमीन की मापी शुरू की। इसके बाद अधिकृत जमीन के बाद बने झोपड़ी और मकानों को तोड़ने की बात की जाने लगी।

इसके बाद ग्रामीणों ने कहा कि जितना जमीन एनएचएआई ने पहले अधिग्रहण किया है, उसका मुआवजा अभी तक नहीं मिल पाया है।

लेकिन जहां तक जमीन का अधिग्रहण हो चुका है एनएचएआई उसी में फ्लाईओवर का निर्माण करें।

जिस स्थान पर लोग झोपड़ी बनाकर रह रहे हैं उसके अतिरिक्त ग्रामीणों के पास और कोई जमीन नहीं है। ऐसी स्थिति में वह अपनी आखिरी उम्मीद खोना नहीं चाहते हैं।

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