HomeUncategorizedCCL कर्मी ससुर की मौत के बाद HC ने दामाद को अनुकंपा...

CCL कर्मी ससुर की मौत के बाद HC ने दामाद को अनुकंपा पर दिलवायी नौकरी, SC ने रद्द किया फैसला, सास को मुआवजा देने का हुक्म

Published on

spot_img

Supreme Court: अनुकंपा पर मृतक के दामाद को नौकरी दिये जाने को सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने गलत करार दिया है। मामला CCL से जुड़ा है।

सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने झारखंड हाई कोर्ट (Jharkhand High Court) के उस आदेश को रद्द कर दिया है, जिसमें CCL को अनुकंपा के आधार पर मृतक कोयलाकर्मी (Coal Worker) के दामाद को नौकरी देने का निर्देश दिया गया था।

कोर्ट ने माना कि ऐसी नियुक्ति राष्ट्रीय कोयला वेतन समझौता (NCWA) के प्रावधानों के उलट है। प्रतिवादी दिसंबर 2018 से CCL में नौकरी कर रहा था और उसकी नियुक्ति को अनियमित माना गया और रद्द कर दिया गया।

मृतक कर्मी की पत्नी जिंदा है, ऐसे में दामाद को का नियोजन गलत सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने कहा कि अगर प्रत्यक्ष आश्रित अनुपलब्ध है, तभी अप्रत्यक्ष आश्रित पर विचार किया जा सकता है।

यानी बेटा, बेटी या दामाद को नौकरी देने पर विचार किया जा सकता था लेकिन, इस मामले में मृतक कोयलाकर्मी की पत्नी जीवित है, इसलिए अप्रत्यक्ष आश्रित (दामाद) का नियोजन उचित नहीं है।

क्या है मामला?

बता दें कि CCL कर्मी जीतराम मांझी की 11 अगस्त 2005 में मौत हो गयी थी। मांझी की दो बेटियां हैं। मृतक की एक विवाहित पुत्री पार्वती देवी ने पिता की इनकम (Income) पर जीवन-बसर का दावा करते हुए अनुकंपा के आधार पर नौकरी के लिए आवेदन दिया था। नियोजन संबंधी आवेदन के साथ रामगढ़ अंचलाधिकारी की ओर से जारी निर्भरता प्रमाण पत्र भी दिया था।

नियोजन संबंधी दावे (Claim) को CCL प्रबंधन की ओर से पार्वती को विवाहित बता नौकरी देने से इनकार कर दिया गया। इसके बाद पार्वती ने CCL प्रबंधन के खिलाफ झारखंड हाई कोर्ट (Jharkhand High Court) में याचिका दायर की थी।

हाई कोर्ट के आदेश पर मृतक जीतराम मांझी के दामाद (पार्वती के पति) बिपिन मुर्मू को नौकरी मिली। इसके बाद CCL प्रबंधन ने सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) में झारखंड हाई कोर्ट (Jharkhand High Court) के फैसले को चुनौती दी।

सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने पांच मार्च 2024 को दिये गये फैसले में मृतक की पत्नी के जीवित रहते दामाद को नौकरी दिये जाने को नियमविरुद्ध करार दिया।

Supreme Court की ओर से निर्णय में कहा गया है कि जब प्रत्यक्ष आश्रित जीवित है, तो अप्रत्यक्ष आश्रित को अनुकंपा के आधार पर नौकरी देना उचित नहीं है। प्रत्यक्ष आश्रित नहीं रहने पर अप्रत्यक्ष आश्रित को नौकरी देने पर विचार किया जा सकता था।

कोर्ट का आदेश- मृतक की विधवा को मुआवजा दे CCL

सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने CCL को निर्देश दिया है कि मृतक की विधवा को नियमानुसार आर्थिक मुआवजा दे। NCWA (National Coal Wage Agreement) के तहत उसकी पात्रता के अनुसार मुआवजा दें। पति (मृत कर्मचारी) की मृत्यु 11 अगस्त 2005 को हुई थी। 31 मार्च 2024 तक गणना की गयी बकाया राशि दी जाये।

सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने CCL को आदेश दिया है कि वह इस आदेश के छह सप्ताह के अंदर मृतक कोयलाकर्मी की विधवा का मुआवजा का भुगतान कर दे।

spot_img

Latest articles

ईरान का अमेरिका को अल्टीमेटम, ‘एक फोन कॉल’ से रुक सकता है इजराइल का हमला

Iran and Israel War: ईरान के विदेश मंत्री हुसैन अमीर-अब्दुल्लाहियान ने कहा है कि...

झारखंड में सड़क निर्माण की रफ्तार, 2020-21 से 2024-25 तक बड़ी कामयाबी

Road construction in Jharkhand: झारखंड में सड़क निर्माण ने वित्तीय वर्ष 2020-21 से 2024-25...

रांची में अधिवक्ता भूषण भगत को कार ने मारी टक्कर, जान मारने का आरोप, पुंदाग ओपी में FIR

Ranchi Crime News: रांची में पुंदाग के अधिवक्ता भूषण भगत ने एक कार चालक...

800 करोड़ के GST घोटाले के सभी आरोपी की न्यायिक हिरासत 30 जून तक बढ़ी

Ranchi News: 800 करोड़ रुपये से अधिक के चर्चित जीएसटी घोटाले में मुख्य आरोपी...

खबरें और भी हैं...

ईरान का अमेरिका को अल्टीमेटम, ‘एक फोन कॉल’ से रुक सकता है इजराइल का हमला

Iran and Israel War: ईरान के विदेश मंत्री हुसैन अमीर-अब्दुल्लाहियान ने कहा है कि...

झारखंड में सड़क निर्माण की रफ्तार, 2020-21 से 2024-25 तक बड़ी कामयाबी

Road construction in Jharkhand: झारखंड में सड़क निर्माण ने वित्तीय वर्ष 2020-21 से 2024-25...

रांची में अधिवक्ता भूषण भगत को कार ने मारी टक्कर, जान मारने का आरोप, पुंदाग ओपी में FIR

Ranchi Crime News: रांची में पुंदाग के अधिवक्ता भूषण भगत ने एक कार चालक...