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सेना के खिलाफ बयानबाजी को लेकर अदालत ने लगाई इमरान खान को फटकार

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इस्लामाबाद: इस्लामाबाद उच्च न्यायालय (Islamabad High Court ) ने सेना के खिलाफ बयानबाजी को लेकर सोमवार को पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान (Former Prime Minister Imran Khan) को फटकार लगाई और कहा कि देश में जारी “सत्ता की होड़” के लिए सब कुछ दांव पर नहीं लगाया जा सकता।

अदालत ने आगाह किया कि खान की बयानबाजी के कारण उनके अभिव्यक्ति के अधिकार को संविधान (Constitution) के तहत बरकार रखना संभव नहीं हो पाएगा।

इस्लामाबाद उच्च न्यायालय (Islamabad High Court) के मुख्य न्यायाधीश अतहर मिनल्लाह ने पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (PTI) पार्टी के भाषणों के लाइव प्रसारण पर प्रतिबंध लगाने के पाकिस्तान इलेक्ट्रॉनिक मीडिया नियामक प्राधिकरण (PEMRA) के आदेशों को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई करते हुए यह टिप्पणी की।

न्यायमूर्ति मिनल्लाह (Justice Minallah) रविवार को एक सार्वजनिक रैली में खान की टिप्पणी से नाराज थे, जिसके लिए सरकार पहले ही उनकी आलोचना कर चुकी है। सेना ने भी टिप्पणी पर नाराजगी व्यक्त करते हुए इसे स्तब्धकारी करार दिया था।

खान ने रविवार को फैसलाबाद में एक जनसभा को संबोधित करते हुए कहा था कि सरकार अपनी पसंद का सेना प्रमुख नियुक्त करने के लिए चुनाव में देरी कर रही है।

जनरल कमर जावेद छह साल से इस पद पर हैं

उन्होंने कहा था, “(आसिफ अली) जरदारी और नवाज (शरीफ) अपनी पसंद का अगला सेना प्रमुख नियुक्त करना चाहते हैं क्योंकि उन्होंने जनता का पैसा चोरी किया है।”

खान ने कहा था, “उन्हें डर है कि जब देशभक्त सेना प्रमुख आएगा, तो वह उनसे उनके द्वारा की गई लूट के बारे में पूछेगा।”

‘डॉन’ समाचार पत्र की खबर के अनुसार सुनवाई के दौरान न्यायाधीश ने फैसलाबाद की रैली में की गईं खान की टिप्पणियों का जिक्र करते हुए पूछा, “आप सार्वजनिक रूप से कैसे कह सकते हैं कि कोई सेना प्रमुख देशभक्त है या नहीं?”

न्यायमूर्ति मिनल्लाह ने कहा कि सशस्त्र बल के जवान शहीद हो रहे हैं और आप (इमरान खान) उनका मनोबल गिरा रहे हैं।

उन्होंने ‘PTI’ के वकील से यह भी पूछा कि (उनकी पार्टी) संवैधानिक संस्थानों को नुकसान क्यों पहुंचा रही है।

उन्होंने कहा, “आप अपने बयानों से केवल परेशानियों को बढ़ा रहे हैं।”

न्यायाधीश ने कहा कि हालिया बयान संविधान के अनुच्छेद 19 (अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता) के तहत भी नहीं आता।

उन्होंने कहा, “इस तरह के बयान देकर आप प्रतिबंध से कैसे बच सकते हैं।”

न्यायाधीश ने कहा, “क्या हम सत्ता की होड़ के लिए सब कुछ दांव पर लगा सकते हैं?”

उन्होंने कहा कि जो चीजें चल रही हैं, उनके कारण अदालत से राहत देने की कोई उम्मीद नहीं की जानी चाहिए।

Pakistan के सेना प्रमुख जनरल कमर जावेद बाजवा नवंबर के अंतिम सप्ताह में सेवानिवृत्त होने वाले हैं। वह छह साल से इस पद पर हैं।

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