India Vs Pakistan War: भारत और पाकिस्तान के बीच ऑपरेशन सिंदूर के बाद से चली आ रही सैन्य तनातनी के बाद शनिवार को युद्धविराम की ऐतिहासिक घोषणा हुई।
विदेश सचिव विक्रम मिसरी ने प्रेस ब्रीफिंग में बताया कि दोनों देशों के सैन्य संचालन महानिदेशकों (DGMO) के बीच दोपहर 3:35 बजे टेलीफोनिक बातचीत हुई।
इस बातचीत में फैसला लिया गया कि शाम 5:00 बजे से दोनों देश आकाश, जल, और थल पर तत्काल हमले रोक देंगे, जिसके साथ ही सीजफायर लागू हो गया।
मिसरी ने कहा कि 12 मई 2025 को दोनों देशों के अधिकारी आगे की रणनीति, तनाव कम करने, और शांति स्थापना पर चर्चा करेंगे।
मिसरी ने इस युद्धविराम को क्षेत्रीय शांति की दिशा में महत्वपूर्ण कदम बताया, लेकिन जोर देकर कहा कि भारत अपनी संप्रभुता, नागरिकों की सुरक्षा, और लाइन ऑफ कंट्रोल (LoC) की अखंडता से कोई समझौता नहीं करेगा। उन्होंने पाकिस्तान से आतंकी ढांचे पर ठोस कार्रवाई और 2003 सीजफायर समझौते के पालन की अपील की।
युद्धविराम के पीछे अमेरिका का अहम रोल
इस युद्धविराम के पीछे अमेरिका की अहम मध्यस्थता रही है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर ट्वीट कर इस कदम की सराहना की। उन्होंने लिखा, “India and Pakistan have shown maturity by agreeing to a ceasefire. Peace in South Asia is crucial for global stability.” यह कदम तब उठाया गया, जब सीमा पर ड्रोन हमले, गोलाबारी, और तनाव ने क्षेत्रीय और वैश्विक चिंताएं बढ़ा दी थीं।
पाकिस्तान के उप-प्रधानमंत्री और विदेश मंत्री इशाक डार ने भी X पर पोस्ट कर कहा, “पाकिस्तान ने भारत के साथ तत्काल युद्धविराम पर सहमति जताई है। हमारी प्राथमिकता हमेशा शांति और क्षेत्रीय स्थिरता रही है, बिना अपनी संप्रभुता से समझौता किए।”
वार्ताओं का मकसद सीमा पर बढ़ते तनाव को कम करना
सूत्रों के मुताबिक, इस युद्धविराम के पीछे गहन कूटनीतिक प्रयास रहे हैं। भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NSA) अजीत डोभाल और विदेश मंत्री एस. जयशंकर पिछले कई दिनों से अपने अमेरिकी समकक्षों के साथ लगातार संपर्क में थे। इन वार्ताओं का मकसद सीमा पर बढ़ते तनाव को कम करना और शांतिपूर्ण समाधान तक पहुंचना था। पहलगाम हमले और उसके बाद भारत के ऑपरेशन सिंदूर ने दोनों देशों को युद्ध के कगार पर ला दिया था। लेकिन अब यह युद्धविराम दोनों देशों के लिए राहत की सांस लेकर आया है।