Homeझारखंडधर्म के नाम पर कभी विभाजन नहीं होने देंगे: शेख हसीना

धर्म के नाम पर कभी विभाजन नहीं होने देंगे: शेख हसीना

Published on

spot_img
spot_img
spot_img

ढाका: एंटी-लिबरेशन और कट्टरपंथी ताकतों पर हमला करते हुए बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना ने कहा है कि देश को मुसलमानों, हिंदुओं, बौद्धों और ईसाइयों के खून के बदले में स्वतंत्रता मिली है और वह धर्म के नाम पर विभाजन और अराजकता कभी होने नहीं देंगी।

उन्होंने मंगलवार की शाम को कहा, देश के लोग सांप्रदायिक सद्भाव के आधार पर धार्मिक मनोबल को ऊंचा रखते हुए समृद्धि, प्रगति और विकास की ओर बढ़ेंगे। बांग्लादेश का 50वां विजय दिवस बुधवार को मनाया जा रहा है।

उन्होंने आगे कहा, मैं इस देश में कभी भी धर्म के नाम पर विभाजन या अराजकता नहीं फैलने दूंगी।

इस देश के लोग धार्मिक मूल्यों को ऊंचा रखते हुए समृद्धि, विकास और प्रगति की दिशा में आगे बढ़ेंगे।

हसीना ने उल्लेख किया, बांग्लादेश के लोग धार्मिक हैं, कट्टरपंथी नहीं हैं।

हमें एंटी-लिबरेशन, कट्टरपंथी ताकतों को धर्म को राजनीति का हथियार बनाने की इजाजत नहीं देनी चाहिए। सभी को अपना धार्मिक अनुष्ठान करने का अधिकार है।

उन्होंने कहा, फकीर लालन शाह, रबींद्रनाथ टैगोर, काजी नजरूल, कवि जिबनानंद दास और सूफियों शाह परन, शाह मखदूम के देश में हर किसी को यहां अपने धर्म का पालन करने का अधिकार है।

बंगबंधु के बांग्लादेश में कट्टरपंथ या कट्टरवाद की अनुमति नहीं है .. 16.5 करोड़ बंगाली सांप्रदायिक सद्भाव के साथ शांति से रहना पसंद करते हैं।

देश के युवाओं को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा, एक प्रतिज्ञा लें कि आप देश को सांप्रदायिक सौहार्द की लिबरेशन वॉर की भावना के साथ स्वर्णिम बंगाल में परिवर्तित करेंगे।

हसीना ने अपने 18 मिनट के भाषण में सभी से विजय दिवस की पूर्व संध्या पर लाखों शहीदों के रक्त के कर्ज को कभी न भूलने का आग्रह किया।

उन्होंने कहा, हमें लिबरेशन वॉर के सांप्रदायिक सद्भावना को धूमिल नहीं होने देना चाहिए।

युवाओं और नई पीढ़ी से मेरा अनुरोध है कि आप अपने पूर्वजों के सर्वोच्च बलिदानों को कभी न भूलें, आपको लाल और हरे रंग के झंडे का अपमान नहीं होने देना चाहिए, जिसे उन्होंने हमें उपहार में दिया है।

स्वतंत्रता की स्वर्ण जयंती की पूर्व संध्या पर बांग्लादेश की प्रधानमंत्री ने राष्ट्रपिता बंगबंधु शेख मुजीबुर्रहमान, चार राष्ट्रीय नेताओं और शहीदों को श्रद्धांजलि दी, जिन्होंने देश के लिए अपना बलिदान दिया।

हसीना ने कहा, साल 1971 में बांग्लादेश से हारने वाले कुछ लोग अशांति पैदा करने की कोशिश में इतिहास और धर्म के झूठ और विकृतियों को बताकर लोगों को भ्रमित करने की कोशिश कर रहे हैं।

spot_img

Latest articles

रांची को अतिक्रमण-मुक्त और स्वच्छ बनाने के लिए नगर निगम की दो अहम बैठकों में बड़े निर्देश

Important meetings of the Municipal Corporation: रांची नगर निगम में शुक्रवार को शहर की...

इंडिगो संकट पर DGCA सख्त: CEO पीटर एल्बर्स दोबारा पूछताछ में हुए शामिल

DGCA Cracks down on IndiGo crisis : देश की सबसे बड़ी निजी एयरलाइंस कंपनियों...

खबरें और भी हैं...