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देश का सबसे बड़ा बोरवेल रेस्क्यू ऑपरेशन हुआ सफल, 100 घंटेकी कोशिश के बाद निकाला गया राहुल

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रायपुर: जांजगीर-चांपा जिले में बोरवेल के 80 फिट गहरे गड्ढे में फंसे दस वर्षीय राहुल को पांचवे दिन सुरक्षित निकाल लिया गया। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल (Bhupesh Baghel) ने ट्वीट कर राहुल के स्वस्थ होने की कामना की है।

दरअसल, शुक्रवार को दिन में 2 बजे बोरवेल के गड्ढे में गिरे राहुल को बचाने के लिए सेना की मदद ली गई। उसे निकालने के लिए बनाई गई दूसरी टनल मंगलवार रात 11 बजे तक पूरी बन गई है।

इसके बाद एक पत्थर को काट कर लगभग एक सौ घंटे के बाद राहुल (Rahul) को सुरक्षित निकाल लिया गया। राहुल के जिन्दा निकालने की खबर से पूरे गांव में खुशी की लहर दौड़ गई।

देश का सबसे बड़ा बोरवेल रेस्क्यू ऑपरेशन हुआ सफल, 100 घंटेकी कोशिश के बाद निकाला गया राहुल

राहुल के बोरवेल से सुरक्षित निकलने पर छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने ट्वीट किया, “सभी की प्रार्थनाओं और बचाव दल के अथक, समर्पित प्रयासों से, राहुल साहू को सुरक्षित बाहर लाया गया है। हमारी कामना है कि वह जल्द से जल्द ठीक हो जाएं।”

जांजगीर के कलेक्टर जीतेंद्र शुक्ला ने बताया कि टीम 60 फीट नीचे फंसे राहुल तक टनल के जरिए पहुंच बनाई गई थी। उसके बाद उसे बाहर निकाल लिया गया।

देश का सबसे बड़ा बोरवेल रेस्क्यू ऑपरेशन हुआ सफल, 100 घंटेकी कोशिश के बाद निकाला गया राहुल

राहुल को बिलासपुर के अपोलो अस्पताल ले जाया गया

राहुल को बिलासपुर के अपोलो अस्पताल ले जाया गया है। उनके लिए ग्रीन कॉरिडोर का निर्माण किया गया है।

उन्होंने कहा कि हमारी टीम के लिए यह एक चुनौतीपूर्ण स्थिति थी। शासन की ओर से हमें हर तरह की मदद दी गई। मुख्यमंत्री बघेल लगातार स्थिति पर नजर रखे हुए थे।

सेना के एक अधिकारी गौतम सूरी ने बताया कि यह बहुत ही चुनौतीपूर्ण ऑपरेशन (Challenging Operation) था। टीम के सदस्यों के संयुक्त प्रयासों से राहुल को सफलतापूर्वक बचाया जा सका।

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राहुल मूक-बधिर और मानसिक रूप से काफी कमजोर है

हम सभी के लिए यह बड़ी सफलता है। सेना के करीब 25 अधिकारियों को यहां तैनात किया गया था।

उल्लेखनीय है कि दस वर्षीय राहुल साहू शुक्रवार दोपहर 2 बजे के बाद 80 फ़ीट गहरे बोरवेल में गिर गया था। राहुल मूक-बधिर और मानसिक रूप से काफी कमजोर है।

राहुल अपने मां-बाप का बड़ा बेटा है। उसका छोटा भाई दो साल छोटा है। पिता की गांव में बर्तन की दुकान है। जिला प्रशासन (District Administration) और सेना के जवान उसे बाहर निकालने के लिए हरसंभव प्रयास कर रहा है।

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