झारखंड

बसंत सोरेन मामले में BJP ने चुनाव आयोग से रिज्वाइंडर के लिए समय मांगा

आयोग ने दो सप्ताह का समय दिया, अब 29 जून को होगी मामले की सुनवाई

रांची: मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन (Hemant Soren) के भाई और झामुमो (JMM) विधायक बसंत सोरेन (Basant Soren) के मामले में बुधवार को भारत के निर्वाचन आयोग में सुनवाई हुई।

भाजपा (BJP) की तरफ से शैलेश मोदियाल और कुमार जारश ने पक्ष रखा। बसंत सोरेन की तरफ से वरीय अधिवक्ता मीनाक्षी अरोड़ा ने चुनाव आयोग के समक्ष पक्ष रखा।

सुनवाई के दौरान भाजपा के अधिवक्ता ने आयोग से बसंत सोरेन के जवाब पर रिज्वाइंडर दाखिल करने के लिए समय मांगा।

निर्वाचन आयोग ने रिज्वाइंडर दाखिल करने के लिए भाजपा को दो सप्ताह का समय देते हुए अगली सुनवाई के लिए 29 जून की तारीख तय की है।

उल्लेखनीय है कि इससे पहले बसंत सोरेन (Basant Soren) ने पिछली सुनवाई के दौरान संशोधित जवाब दाखिल करने के लिए आयोग से समय मांगा था।

उनके आग्रह पर आयोग ने उन्हें 15 जून तक का समय दिया था। बुधवार को इस मामले पर सुनवाई हुई और भाजपा के आग्रह के बाद अब इस मामले पर 29 जून को सुनवाई होगी।

शपथ पत्र में सभी विषयों की पूरी जानकारी दी

उल्लेखनीय है कि विधायक बसंत सोरेन के खिलाफ भाजपा ने पद का दुरुपयोग करने की शिकायत करते हुए राज्यपाल रमेश बैस को ज्ञापन दिया था।

भाजपा नेताओं के द्वारा दिये गये ज्ञापन में मांग की गयी थी कि बसंत सोरेन को अयोग्य घोषित किया जाये। भाजपा की शिकायत पर राज्यपाल ने इस ज्ञापन को निर्वाचन आयोग को भेजा था।

बसंत सोरेन ने इस मामले में भारत निर्वाचन आयोग (Election Commission of India) को पहले ही जवाब भेजा है, जिसमें उन्होंने अपने ऊपर लगाये गये आरोप को निराधार बताया है और कहा है कि उन्होंने आयोग से कोई तथ्य नहीं छुपाया है। चुनाव के दौरान उन्होंने अपने शपथ पत्र में सभी विषयों की पूरी जानकारी दी है।

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