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समुद्री सुरक्षा मजबूत करने के लिए शुरू हुआ नौसेना कमांडरों का सम्मेलन

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नई दिल्ली: India’s Maritime Security (भारत की समुद्री सुरक्षा) मजबूत करने के इरादे से भारतीय नौसेना के कमांडरों का सम्मेलन सोमवार से नई दिल्ली में शुरू हुआ।

इसमें सभी ऑपरेशनल और एरिया कमांडर (Operational and Area Commander) प्रमुख 3 नवंबर तक विचार मंथन करके नौसेना की गतिविधियों के लिए भविष्य का रोडमैप तैयार करेंगे। सम्मेलन में हथियारों और सेंसर के प्रदर्शन तथा नौसेना के प्लेटफार्मों की तैयारी की समीक्षा भी की जाएगी।

नौसेना कमांडरों का पहला सम्मेलन इसी साल 25 से 28 अप्रैल के दौरान दिल्ली के अफ्रीका एवेन्यू स्थित रक्षा कार्यालय (Defense Office at Africa Avenue) परिसर में हुआ था।

स्वदेशीकरण को बढ़ाने देने के लिए भी एक विस्तृत रोडमैप तैयार करेंगे

अब दूसरे संस्करण में नौसेना कमांडर नौसेना की युद्धक क्षमता बढ़ाने के तरीकों की तलाश करेंगे। भारतीय नौसेना के सभी ऑपरेशनल और एरिया कमांडर प्रमुख ऑपरेशनल, मैटेरियल, लॉजिस्टिक्स, मानव संसाधन विकास, प्रशिक्षण और प्रशासनिक समीक्षा के लिए सम्मेलन में भाग ले रहे हैं।

सम्मेलन के दौरान चार दिनों में विचार-मंथन करके नौसेना की गतिविधियों के लिए भविष्य का रोडमैप तैयार किया जाना है, क्योंकि नौसेना ने भविष्य के दृष्टिकोण के साथ लड़ाकू, विश्वसनीय और एकजुट बल होने पर ध्यान केंद्रित किया है।

नौसेना प्रवक्ता कमांडर विवेक मधवाल के अनुसार यह सम्मेलन समकालीन सुरक्षा मुद्दों पर ध्यान केंद्रित करेगा जबकि नौसेना की युद्ध क्षमता बढ़ाने और तीनों सेनाओं के साथ तालमेल को अधिक प्रभावी बनाने के तरीकों की तलाश करेगा।

नौसेना कमांडर 2047 तक ‘आत्मनिर्भरता’ (Self reliance) हासिल करने के उद्देश्य से स्वदेशीकरण को बढ़ाने देने के लिए भी एक विस्तृत रोडमैप तैयार करेंगे।

नौसेना की मौजूदा परियोजनाओं की विस्तृत समीक्षा की जाएगी

यह सम्मेलन हाल के अंतरराष्ट्रीय घटनाक्रमों की पृष्ठभूमि में क्षेत्र की भू-रणनीतिक स्थिति पर भी ध्यान केंद्रित करेगा। सम्मेलन के दौरान रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह राष्ट्रीय सुरक्षा से संबंधित मामलों पर नौसेना कमांडरों को संबोधित करेंगे और उनके साथ बातचीत करेंगे।

उन्होंने बताया कि सम्मेलन के दौरान चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ अनिल सिंह, सेना प्रमुख मनोज पांडे और वायु सेना प्रमुख वीआर चौधरी भी नौसेना कमांडरों के साथ बातचीत करेंगे ताकि तीनों सेनाओं के बीच सामान्य परिचालन के लिए तालमेल बिठाया जा सके।

इससे देश की सुरक्षा के प्रति त्रि-सेवा तालमेल और तत्परता बढ़ाने के रास्ते तलाशने में आसानी होगी। नौसेना ने भविष्य के दृष्टिकोण के साथ लड़ाकू, विश्वसनीय और एकजुट बल होने पर ध्यान केंद्रित किया है।

सम्मेलन में हथियारों और सेंसरों के प्रदर्शन, आईएन प्लेटफार्मों (IN platforms) की तैयारी और नौसेना की मौजूदा परियोजनाओं की विस्तृत समीक्षा की जाएगी।

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