HomeUncategorizedमनी लॉन्ड्रिंग से जुड़े व्यक्तियों की गतिविधियों को नहीं रोक सकता ED,...

मनी लॉन्ड्रिंग से जुड़े व्यक्तियों की गतिविधियों को नहीं रोक सकता ED, हाई कोर्ट ने…

Published on

spot_img
spot_img
spot_img

ED Power and Rights: एनफोर्समेंट डायरेक्टरेट यानी प्रवर्तन निदेशालय (ED) के पावर और राइट के संदर्भ में पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय (Haryana High Court) ने बड़ी टिप्पणी की है।

कोर्ट ने स्पष्ट कर दिया है कि प्रवर्तन निदेशालय (ED) उन व्यक्तियों की गतिविधियों पर रोक नहीं लगा सकता है, जिनके परिसरों की Money Laundering मामलों में तलाशी ली जा रही है। PMLA नियम, 2005 का अवलोकन करते हुए न्यायमूर्ति विकास बहल ने यह टिप्‍पणी की।

जस्टिस बहल ने कहा, “ऐसा कुछ भी नहीं है जो उन व्यक्तियों को उनके कार्यालय/कार्यस्थल पर जाने सहित उनकी दैनिक दिनचर्या को पूरा करने से रोकता है, जिनके परिसरों की तलाशी ली जा रही है।

किसी भी ताले, तिजोरी, अलमारी को खोलने के लिए और अनुपालन न करने की स्थिति में अधिकारियों के पास उसे तोड़ने की अतिरिक्त शक्ति है और इस प्रकार, यह नहीं कहा जा सकता है कि अधिकारियों को उक्त व्यक्तियों यानी याचिकाकर्ताओं की गतिविधियों पर रोक लगाने का अधिकार है।”

Livelaw की रिपोर्ट के अनुसार, अवैध खनन के आरोपों से संबंधित Money Laundering मामले में यमुनानगर के पूर्व विधायक दिलबाग सिंह और एक अन्य व्यक्ति की मनी लॉन्ड्रिंग रोकथाम (PMLA) के तहत गुरुग्राम अदालतों द्वारा पारित गिरफ्तारी आदेशों, गिरफ्तारी मेमो और रिमांड आदेशों को रद्द करते हुए ये टिप्पणियां की गईं।

यह आरोप लगाया गया था कि याचिकाकर्ताओं को उनके परिवार के सदस्यों के साथ ईडी द्वारा 4 से 8 जनवरी, 2024 तक अवैध रूप से हिरासत में लिया गया था, जब उनके घरों की तलाशी और जब्ती हुई थी।

रिकॉर्ड को देखने के बाद, न्यायालय ने कहा कि “यह स्पष्ट है कि प्रतिवादी अधिकारियों ने याचिकाकर्ताओं को 04।01।2024 से 08।01।2024 तक परिसर में अवैध रूप से कैद और गैरकानूनी तरीके से रोका था और इस प्रकार वास्तव में याचिकाकर्ताओं को 04।01।2024 को गिरफ्तार कर लिया था।”

कोर्ट ने बताया कि PMLA की धारा 18 के प्रावधान का अनुपालन नहीं किया गया और कहा कि न तो अधिकारियों ने याचिकाकर्ताओं को उनकी वास्तविक गिरफ्तारी की तारीख यानी 04.01.2024 के 24 घंटे के भीतर संबंधित न्यायालय के समक्ष पेश किया और न ही उन्होंने अन्य का अनुपालन किया।

केस में उच्च न्यायालय के प्रणव गुप्ता बनाम भारत संघ और अन्य के फैसले पर भी भरोसा किया गया, जिसमें यह देखा गया कि गिरफ्तारी को गैरकानूनी संयम की तारीख से गिना जाएगा, न कि औपचारिक और वास्तविक गिरफ्तारी की तारीख से। इस प्रकार Court ने ED के लिए एक सीमा रेखा की ओर भी संकेत किया है।

spot_img

Latest articles

दिल्ली की हवा ‘जहरीली’, सुप्रीम कोर्ट में हो सकती है सिर्फ डिजिटल सुनवाई

Delhi's Air Pollution : दिल्ली में बढ़ते प्रदूषण का असर अब सुप्रीम कोर्ट की...

खूंटी-सिमडेगा रोड पर बड़ा हादसा, ट्रक पलटा, आग लगने से चालक की मौत

Khunti-Simdega Road Accident : खूंटी-सिमडेगा मुख्य सड़क पर तोरपा थाना क्षेत्र के चूरगी गांव...

तस्करी के लिए बिहार ले जाई जा रही थी अंग्रेजी शराब, चार गिरफ्तार

Liquor Smugglers Arrest : गिरिडीह जिले के डुमरी थाना क्षेत्र के चिरैयामोड़ में उत्पाद...

1 लाख के इनामी नक्सली राजा हेमंत असुर गिरफ्तार

Naxalite Raja Hemant Asur Arrest : लोहरदगा में पुलिस ने बड़ी सफलता हासिल करते...

खबरें और भी हैं...

दिल्ली की हवा ‘जहरीली’, सुप्रीम कोर्ट में हो सकती है सिर्फ डिजिटल सुनवाई

Delhi's Air Pollution : दिल्ली में बढ़ते प्रदूषण का असर अब सुप्रीम कोर्ट की...

खूंटी-सिमडेगा रोड पर बड़ा हादसा, ट्रक पलटा, आग लगने से चालक की मौत

Khunti-Simdega Road Accident : खूंटी-सिमडेगा मुख्य सड़क पर तोरपा थाना क्षेत्र के चूरगी गांव...

तस्करी के लिए बिहार ले जाई जा रही थी अंग्रेजी शराब, चार गिरफ्तार

Liquor Smugglers Arrest : गिरिडीह जिले के डुमरी थाना क्षेत्र के चिरैयामोड़ में उत्पाद...