Homeहेल्थदेसी किट से एक घंटे में सर्वाइकल कैंसर की जांच, ग्रामीण क्षेत्रों...

देसी किट से एक घंटे में सर्वाइकल कैंसर की जांच, ग्रामीण क्षेत्रों में भी पहुंचेगी सुविधा

Published on

spot_img

Cervical cancer can be tested in one hour :सर्वाइकल कैंसर की जांच को सस्ता, तेज, और सुलभ बनाने की दिशा में भारत ने एक बड़ा कदम उठाया है। नोएडा स्थित राष्ट्रीय कैंसर रोकथाम एवं अनुसंधान केंद्र (NICPR) ने एक स्वदेशी HPV टेस्ट किट विकसित की है, जो महज एक घंटे में परिणाम दे सकती है।

इस किट का परीक्षण लगभग पूरा हो चुका है, और अगले सप्ताह दिल्ली में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय, अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (AIIMS), और अध्ययन से जुड़े वैज्ञानिकों के साथ इसकी उपयोगिता, परिणाम, और महत्व पर चर्चा होगी। यदि सब कुछ योजना के अनुसार रहा, तो यह किट जल्द ही बाजार में उपलब्ध होगी।

जानें किट की खासियतें

वर्तमान में सर्वाइकल कैंसर की HPV जांच के लिए ₹1,500 से ₹3,000 तक का खर्च आता है, और परिणाम मिलने में 1-2 दिन लगते हैं। नई देसी किट इस लागत को आधा करने का दावा करती है, यानी जांच की कीमत ₹750-1,000 तक हो सकती है।

इसके अलावा, यह किट बैटरी चालित और पोर्टेबल है, जिसे किसी भी स्थान पर ले जाकर जांच की जा सकती है। यह सुविधा खास तौर पर ग्रामीण, पहाड़ी, और पिछड़े क्षेत्रों में महिलाओं के लिए वरदान साबित होगी, जहां लैब तक पहुंचना मुश्किल होता है।

NICPR की निदेशक डॉ. शालिनी सिंह ने बताया, “इस किट पर अंतिम चर्चा के लिए जल्द ही अधिकारियों और विशेषज्ञों के साथ बैठक होगी। यह किट न केवल लागत प्रभावी है, बल्कि तेज परिणाम देने में भी सक्षम है।” किट को राष्ट्रीय कैंसर नियंत्रण कार्यक्रम (NCCP) में शामिल करने की योजना है, ताकि इसे देश के हर कोने में पहुंचाया जा सके।

यह किट HPV (ह्यूमन पैपिलोमावायरस) का पता लगाने के लिए डिज़ाइन की गई है, जो सर्वाइकल कैंसर का प्रमुख कारण है। किट का परीक्षण AIIMS दिल्ली, NICPR नोएडा, और ICMR-नेशनल इंस्टीट्यूट फॉर रिसर्च इन रिप्रोडक्टिव एंड चाइल्ड हेल्थ (NIRRCH) मुंबई में किया गया है।

डॉ. नीरजा भटला, AIIMS की प्रसूति एवं स्त्री रोग विभाग की पूर्व प्रमुख और इस प्रोजेक्ट की मुख्य समन्वयक, ने बताया कि किट को अंतरराष्ट्रीय गुणवत्ता मानकों (WHO प्रीक्वालिफिकेशन) के अनुसार मान्य किया गया है।

परीक्षण में IARC (WHO की अंतरराष्ट्रीय कैंसर अनुसंधान एजेंसी) के बायोबैंक से सैंपल लिए गए, जिनकी पहले से क्लिनिकल वैलिडिटी सिद्ध हो चुकी है। इससे अध्ययन का समय पांचवें हिस्से तक कम हो गया। किट 1-1.5 घंटे में परिणाम देती है, जो मौजूदा लैब-आधारित टेस्ट से कहीं तेज है। यह पॉइंट-ऑफ-केयर टेस्टिंग के लिए उपयुक्त है, यानी तकनीकी विशेषज्ञता या जटिल लैब सेटअप की जरूरत नहीं होगी।

spot_img

Latest articles

चोरी की बाइक नक्सलियों और कोयला तस्करों को बेचता था गैंग, गिरफ्तार

Ranchi Crime News: रांची पुलिस ने शनिवार को एक बड़े बाइक चोर गिरोह का...

बंगाल की खाड़ी में चक्रवाती तूफान ‘दाना’ का खतरा, झारखंड में भारी बारिश की चेतावनी

Jharkhand Weather Update: बंगाल की खाड़ी में दक्षिणी भाग में बना गहरा निम्न दबाव...

जज के घर पर हमला, पथराव और जान से मारने की धमकी

Madhya Pradesh News: मध्य प्रदेश के अनूपपुर जिले में शुक्रवार देर रात एक सनसनीखेज...

हरियाणा के सिंगर राहुल फाजिलपुरिया फायरिंग का मास्टरमाइंड सुनील सरधानिया स्विट्जरलैंड से लाया गया भारत

News Delhi: हरियाणा के मशहूर सिंगर राहुल फाजिलपुरिया पर फायरिंग मामले में बड़ा अपडेट...

खबरें और भी हैं...

चोरी की बाइक नक्सलियों और कोयला तस्करों को बेचता था गैंग, गिरफ्तार

Ranchi Crime News: रांची पुलिस ने शनिवार को एक बड़े बाइक चोर गिरोह का...

बंगाल की खाड़ी में चक्रवाती तूफान ‘दाना’ का खतरा, झारखंड में भारी बारिश की चेतावनी

Jharkhand Weather Update: बंगाल की खाड़ी में दक्षिणी भाग में बना गहरा निम्न दबाव...

जज के घर पर हमला, पथराव और जान से मारने की धमकी

Madhya Pradesh News: मध्य प्रदेश के अनूपपुर जिले में शुक्रवार देर रात एक सनसनीखेज...