Ahmedabad Plane crash: अहमदाबाद में 12 जून को हुए Air India के बोइंग 787 ड्रीमलाइनर (AI171) विमान हादसे में अब तक 11 शवों की पहचान उनके परिवारों के DNA से हो चुकी है।
बीजे मेडिकल कॉलेज के सर्जरी विभाग के प्रोफेसर डॉ. रजनीश पटेल ने शनिवार को बताया कि कई शव इतने जल चुके हैं या क्षतिग्रस्त हैं कि उनकी पहचान के लिए DNA टेस्ट जरूरी है।
उन्होंने कहा, “DNA मिलान की प्रक्रिया को सावधानीपूर्वक करना पड़ता है। इसके कानूनी और चिकित्सीय निहितार्थ हैं, इसलिए जल्दबाजी नहीं की जा सकती।”
एकमात्र बचे यात्री की हालत स्थिर
डॉ. पटेल ने बताया कि लंदन जा रही उड़ान में सवार 242 यात्रियों और चालक दल के सदस्यों में से एकमात्र जीवित बचे विश्वास कुमार रमेश की हालत स्थिर है और वह खतरे से बाहर हैं।
विश्वास, जो सीट 11A पर थे, ने इमरजेंसी एग्जिट से कूदकर अपनी जान बचाई।
गुजरात के 18 जिलों और अन्य राज्यों के थे पीड़ित
गुजरात के राजस्व सचिव आलोक पांडे ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि हादसे में मारे गए लोग गुजरात के 33 में से 18 जिलों के अलावा मध्य प्रदेश, राजस्थान और अन्य राज्यों के थे। उन्होंने कहा कि 11 विदेशी नागरिकों (53 ब्रिटिश, 7 पुर्तगाली, 1 कनाडाई) के परिवारों से संपर्क किया जा चुका है।
पांडे ने यह भी बताया कि पीड़ित परिवारों को मानसिक आघात से उबरने के लिए प्रत्येक परिवार को एक ‘ग्रिफ काउंसलर’ उपलब्ध कराया जाएगा।
270 शव बरामद, 8 शव पहले ही सौंपे गए
अधिकारियों के अनुसार, दुर्घटनास्थल से अब तक 270 शव बरामद किए गए हैं। इनमें से 8 शवों की पहचान उनके परिजनों ने बिना डीएनए टेस्ट के कर ली थी, और उन्हें परिवारों को सौंप दिया गया।
शनिवार को मरने वालों की संख्या 270 तक पहुंच गई, जिसमें विमान के 241 यात्री और चालक दल के साथ-साथ बीजे मेडिकल कॉलेज के हॉस्टल और आसपास के लोग शामिल हैं।
केंद्र ने गठित की उच्च स्तरीय जांच समिति
केंद्र सरकार ने हादसे के कारणों की जांच के लिए केंद्रीय गृह सचिव की अध्यक्षता में एक उच्च स्तरीय बहु-विषयक समिति बनाई है। यह समिति तीन महीने में अपनी रिपोर्ट सौंपेगी।
इसके अलावा, विमान दुर्घटना जांच ब्यूरो (AAIB) ने ब्लैक बॉक्स (डिजिटल फ्लाइट डेटा रिकॉर्डर) बरामद कर लिया है, जिसका विश्लेषण शुरू हो चुका है।
बोइंग और अमेरिकी जांचकर्ता भी इस प्रक्रिया में सहयोग कर रहे हैं।