Jharkhand Commercial Coal Block : झारखंड को कमर्शियल कोल ब्लॉक की नीलामी में एक बार फिर दूसरे राज्यों की तुलना में कम प्रीमियम मिला है। 13वें दौर की नीलामी में राज्य को सिर्फ 5.5% प्रीमियम मिला जबकि ओड़िशा को 12.75% प्रीमियम हासिल हुआ। इससे पहले 12वें दौर में भी झारखंड को अन्य राज्यों के मुकाबले कम प्रीमियम मिला था। नीलामी में हिस्सा लेने वाली कंपनियों का झारखंड को कम प्रीमियम देना राजनीतिक और प्रशासनिक कारणों से जुड़ा बताया जा रहा है।
तीसरे दौर की नीलामी में DVC को मिले तीन कोल ब्लॉक
केंद्र सरकार ने कमर्शियल कोल ब्लॉक की तीसरी नीलामी 20 से 25 नवंबर 2025 तक कराई थी। इस नीलामी में झारखंड के दो और ओड़िशा के एक कोल ब्लॉक की सफल बिक्री हुई। तीनों ही कोल ब्लॉक दामोदर वैली कॉरपोरेशन (DVC) को मिले हैं। सरकार का अनुमान है कि इन ब्लॉकों से लगभग 4,620.69 करोड़ रुपये का राजस्व मिलेगा और करीब 66,248 लोगों को रोजगार मिलेगा। साथ ही लगभग 7,350 करोड़ रुपये का निवेश होने की उम्मीद है।
इस नीलामी में झारखंड के पीरपैंती–भारत कोल ब्लॉक और धुलिया नॉर्थ कोल ब्लॉक DVC को मिले। दोनों की रिजर्व प्राइस 4% थी, लेकिन DVC ने सिर्फ 5.5% प्रीमियम देकर इन्हें हासिल कर लिया। इन दोनों ब्लॉकों में कुल 1,979.81 MT कोयला मौजूद है। वहीं ओड़िशा के मंदाकिनी-बी कोल ब्लॉक की रिजर्व प्राइस 6% थी, जिसके मुकाबले DVC ने 12.5% प्रीमियम ऑफर किया।
पीरपैंती–भारत कोल ब्लॉक बिहार के भागलपुर के पास स्थित है और इसके कोयले का उपयोग पीरपैंती थर्मल पावर प्लांट में बिजली उत्पादन के लिए किया जाएगा।
पिछले 12वें दौर की नीलामी में झारखंड को 7% से 27.25% तक प्रीमियम मिला था, जबकि छत्तीसगढ़ को इससे कहीं ज्यादा यानी 31% से 62.25% तक प्रीमियम मिला। झारखंड को सबसे कम प्रीमियम महुआगढ़ कोल ब्लॉक पर मिला था, जिसे DVC ने ही खरीदा था। वहीं सबसे ज्यादा प्रीमियम चोला पाथर कोल ब्लॉक पर मिला था, जिसे शक्तिभूमि माइनिंग प्राइवेट लिमिटेड ने लिया था।




