Ranchi : झारखंड पुलिस ने मृत गैंगस्टर अमन साहू के गैंग के खिलाफ एक बड़ी कार्रवाई करते हुए पाकिस्तान से ड्रोन के जरिए भेजे गए हथियारों की तस्करी का पर्दाफाश किया है। पुलिस ने बताया कि इस खेप में कुल 13 ग्लॉक पिस्टल भेजी गई थीं। इनमें से छह पिस्टल बरामद कर ली गई हैं, जबकि सात अभी भी अपराधियों के पास होने की आशंका जताई जा रही है।
बरामदगी अलग-अलग जिलों से
पुलिस के अनुसार, अब तक बरामद किए गए छह ग्लॉक पिस्टलों में से दो रांची से, एक लातेहार से, एक पलामू से और दो अन्य जगहों से मिली हैं। भारत में ग्लॉक पिस्टल आम नागरिकों के लिए प्रतिबंधित हथियार है। इस पिस्तौल में 6 से 36 राउंड तक की मैगजीन लग सकती है। आमतौर पर 17 राउंड वाली मैगजीन का प्रयोग किया जाता है, जिसमें 17 गोलियां भरी जा सकती हैं। इसकी गोली लगभग 1230 फीट प्रति सेकेंड की रफ्तार से चलती है और 50 मीटर तक सही निशाना साध सकती है।
ड्रोन और हवाला से होता था पूरा खेल
जांच में पता चला है कि पाकिस्तान से ड्रोन के जरिए पंजाब के अमृतसर में हथियार और ड्रग्स गिराए जाते थे। उसके बाद पंजाब के तस्कर इन्हें सड़क मार्ग से झारखंड भेजते थे। पूछताछ में सामने आया कि गैंगस्टर मयंक सिंह हवाला के जरिए हथियारों की पेमेंट करता था।
अंतरराष्ट्रीय नेटवर्क का खुलासा
मयंक ने बताया कि यूरोप, मलेशिया और थाईलैंड में बैठे लॉरेंस बिश्नोई गैंग के लोग इस काम में शामिल थे। पेमेंट चेन में यह भी सामने आया कि यूरोप में बैठे गुर्गों को हवाला से पैसा भेजा जाता था और फिर कुआलालंपुर में पाकिस्तानी मूल के रेस्टोरेंट मालिकों को कैश पहुंचता था। वेरांची फायरिंग में Glock का इस्तेमाल
हवाला के जरिए पैसे पाकिस्तान भेज देते थे।
एटीएस ने यह भी बताया कि रांची के कोयला कारोबारी विपिन मिश्रा पर हुई फायरिंग में इन्हीं हथियारों में से एक का इस्तेमाल किया गया था। पुलिस ने उस वारदात में इस्तेमाल दो Glock पिस्टल बरामद की थीं।




