Homeझारखंडस्वास्थ्य, शिक्षा, पेयजल और ऊर्जा के क्षेत्र में बजट कम दिया गया:...

स्वास्थ्य, शिक्षा, पेयजल और ऊर्जा के क्षेत्र में बजट कम दिया गया: प्रतुल शाहदेव

Published on

spot_img

धनबाद: झारखंड विधानसभा में पेश बजट पर प्रतिक्रिया देते हुए भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता प्रतुल सहदेव ने कहा कि यह बजट पूरी तरह से केंद्र पर आश्रित बजट है।

इससे पता चलता है कि राज्य सरकार अपनी जिम्मेदारियों से पल्ला झाड़ रही है। साथ ही केंद्र सरकार की सभी योजनाओं का नाम बदलकर चलाने का काम कर रही है।

वे गुरुवार को भारतीय जनता पार्टी के धनबाद जिला कार्यालय में पत्रकार वार्ता को सम्बोधित कर रहे थे। उन्होंने सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि स्वास्थ्य, शिक्षा, पेयजल और ऊर्जा के क्षेत्र में बजट कम दिया गया है।

वहीं, ऋण माफी योजना का जिक्र तक नहीं हुआ है।

उन्होंने कहा कि राज्य सरकार किसानों के प्रति उदासीन दिख रही है। कृषि के क्षेत्र में 5500 करोड़ रुपये के बजट की आवश्यकता थी, जिसको घटाकर 12 सौ करोड़ कर दिया गया है।

सहदेव ने कहा कि 30 से 32 हजार किसानों के ऋण माफी की बात की गई थी, जबकि 12 लाख किसानों ने बैंक से लोन लिया था।

साथ ही ग्रामीण क्षेत्रों में महाजन से एक बड़ा तबका लोन लेता है। उनका भी लोन माफ करने का आश्वासन दिया गया था लेकिन इसके बारे में जिक्र तक नहीं किया गया है।

प्रदेश प्रवक्ता प्रतुल शहदेव ने कहा कि धनबाद में डीवीसी का बिजली के क्षेत्र में मुख्य योगदान है पर उसके बकाया भुगतान का कोई प्रावधान नहीं किया गया है, जबकि अपने बकाया राशि के भुगतान को लेकर डीवीसी हमेशा बिजली काट देती है।

वहीं, स्वास्थ्य की बात की जाए तो भाजपा सरकार ने 108 एंबुलेंस सेवा शुरू किया था। अब उसकी बुरी हालत हो गई है।

चाइबासा में हुए नक्सली हमले की निंदा करते हुए उन्होंने कहा कि 15 महीने की सरकार में नक्सली वारदात काफी बढ़ी है, जबकि यही नक्सली पहले की सरकार के कार्यकाल में दुबके हुए थे।

उन्होंने हेमंत सोरेन सरकार के बजट पर कहा कि इस बजट में विधवा, विकलांग को भुगतान करने की कोई बात नहीं कही गई है।

वहीं, ग्रामीण को जोड़ने के लिए लाई गई योजना को भी यह सरकार अब तक धरातल पर नहीं उतार सकी है।

सहदेव ने कहा कि सभी सुदूर ग्रामीण क्षेत्रों को शहर से जोड़ने के लिए योजना की घोषणा तो की गई थी लेकिन उस योजना को धरातल पर कैसे उतारा जाए इस पर न तो अब तक कोई पहल की गई और न ही इस बजट में भी कोई चर्चा की गई है।

उद्योगों की अगर बात करें तो धनबाद में उद्योग के लिए कोई राहत नहीं दी गई है। उन्होंने कहा कि कुल मिलाकर यह बजट पूरी तरह से केंद्र पर निर्भर बजट है।

spot_img

Latest articles

Jharkhand Product Policy: झारखंड में नयी उत्पाद नीति: जिलास्तर पर तय होगी शराब दुकानों की संख्या

Jharkhand Product Policy: झारखंड में नयी उत्पाद नीति के तहत शराब दुकानों की संख्या...

क्सलियों की साजिश नाकाम, 18 IED बम बरामद

Chaibasa-Khunti News: पश्चिमी सिंहभूम और खूंटी जिले की सीमा पर बुधवार को सुरक्षा बलों...

बाबूलाल मरांडी ने हेमंत सोरेन से की मुलाकात 

Ranchi News: भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष और नेता प्रतिपक्ष बाबूलाल मरांडी ने बुधवार को...

शिबू सोरेन की सेहत में सुधार, दिल्ली के अस्पताल में खतरे से बाहर

Ranchi News: झारखंड मुक्ति मोर्चा (JMM) के संरक्षक और राज्यसभा सांसद शिबू सोरेन की...

खबरें और भी हैं...

Jharkhand Product Policy: झारखंड में नयी उत्पाद नीति: जिलास्तर पर तय होगी शराब दुकानों की संख्या

Jharkhand Product Policy: झारखंड में नयी उत्पाद नीति के तहत शराब दुकानों की संख्या...

क्सलियों की साजिश नाकाम, 18 IED बम बरामद

Chaibasa-Khunti News: पश्चिमी सिंहभूम और खूंटी जिले की सीमा पर बुधवार को सुरक्षा बलों...

बाबूलाल मरांडी ने हेमंत सोरेन से की मुलाकात 

Ranchi News: भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष और नेता प्रतिपक्ष बाबूलाल मरांडी ने बुधवार को...