क्राइमझारखंड

झारखंड में यहां घर से रातोंरात लापता हो गया एक परिवार, आंगन में मिले खून के धब्बे

चिंता सता रही है कि कहीं उनके मां-बाप और नाबालिग बहन के साथ कोई अनहोनी तो नहीं हो गयी है

खूंटी : खूंटी जिला से सटे पश्चिमी सिंहभूम जिला में है पोड़ोंगेर मुंडा टोली। बंदगांव थाना क्षेत्र स्थित जलासार पंचायत के इस गांव में रहनेवाला एक परिवार रातोंरात लापता हो गया है।

इस परिवार की दो बेटियां रांची में रहती हैं, जो पोड़ोंगेर मुंडा टोली में रहनेवाले अपने मां-बाप और एक नाबालिग बहन के अचानक लापता हो जाने से काफी परेशान हैं।

इनकी चिंता तब और ज्यादा बढ़ जाती है, जब उन्हें खून के उन धब्बों की याद आती, जिन्हें उन्होंने अपने मां-बाप के घर के आंगन में देखा है। इन्हें चिंता सता रही है कि कहीं उनके मां-बाप और नाबालिग बहन के साथ कोई अनहोनी तो नहीं हो गयी है।

यह है मामला

पोड़ोंगेर मुंडा टोली में रहनेवाले 55 वर्षीय सलीम डाहंगा, उनकी 50 वर्षीय पत्नी बेलानी डाहंगा और उनकी बेटी 15 वर्षीय बेटी राहिल डाहंगा सात और आठ नवंबर की रात से लापता हैं। तीनों का कहीं कुछ भी पता नहीं चल पा रहा है। उनके घर के आंगन में खून के धब्बे भी मिले हैं। इससे इन लोगों की हत्या की आशंका भी पैदा हो रही है।

इस मामले को लेकर सलीम डाहंगा की दूसरी बेटी 19 वर्षीय बसंती डाहंगा ने बंदगांव थाना में लिखित सूचना दी है। उसने पुलिस से अपने मां-बाप और बहन को ढूंढने की गुहार लगायी है।

इस सूचना पर बंदगांव थाना की पुलिस मंगलवार को पोड़ोंगेर मुंडा टोली पहुंची। घटना स्थल पर जांच-पड़ताल करने के बाद पुलिस बसंती के परिवार के तीनों लापता सदस्यों को ढूंढने में जुट गयी है।

बसंती डाहंगा ने बताया कि वह अपनी बहन सुशांति डाहंगा के साथ रांची के हुलहुंडू सरनाटोली में रहती है। सात नवंबर की देर शाम सात बजे बसंती की अपनी मां से फोन पर बात हुई थी।

इसके बाद आठ नवंबर को दोनों बहनें बसंती डाहंगा और सुशांति डाहंगा हुलहुंडू से पोड़ोंगेर पहुंचीं। वहां घर पहुंचते ही उनकी मां ने उनसे कहा, “तुम लोग यहां से चली जाओ, मैं तुम लोगों को नहीं बचा पाऊंगी।”

यह कहने के बाद उनकी मां ने उन्हें एक हजार रुपये भी दिये। बसंती ने बताया कि इसके बाद वे दोनों बहनें पोड़ोंगेर में ही स्थित पुलिस कैंप चली गयीं और मामले की जानकारी दी।

इस पर कैंप वालों ने उन दोनों बहनों को जलासार पंचायत की मुखिया पोड़ोंगेर निवासी सुचिता डाहंगा के घर पहुंचा दिया। उसके बाद दोनों बहनें नौ नवंबर की सुबह 10 बजे मुखिया के घर से अपने घर गयीं। वहां उन्होंने देखा कि उनके घर का दरवाजा बंद था।

वहीं, घर के आंगन में खून के धब्बे भी दिखे। यह देख दोनों बहनों ने अपने मां-बाप और बहन की हत्या की आशंका जतायी। इधर, घटना की जानकारी मिलने के बाद हुलहुंडू से बसंती और सुशांति के मौसा पोड़ोंगेर पहुंचे और उन दोनों को अपने साथ ले गये।

यह घटना कई सारे संदेह पैदा कर रही है। एक ही परिवार के तीन सदस्यों के अचानक रातोंरात लापता हो जाने की घटना के बाद ग्रामीण भी खामोश और डरे हुए हैं।

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