विदेश

Omicron के बाद Lassa virus ने बढ़ाई दुनिया की चिंता

WHO के मुताबिक, लासा फीवर अक्यूट हैमरेजिक बीमारी है

लंदन: कोरोना महामारी से अभी दुनिया उबर भी नहीं पायी थी कि लासा बुखार ने चिंता बढ़ा दी है। इस बीच ब्रिटेन में लासा बुखार से एक मौत से दुनिया में चिंता और बढ़ गई है।

ब्रिटिश हेल्थ अथॉरिटीज के अनुसार लासा वायरस के बुखार से मौत के बाद उसके संपर्क में आए लोगों को ट्रेस किया जा रहा है।

द यूके हेल्थ सिक्योरिटी एजेंसी (यूकेएचएसए) ने बताया कि इसका खतरा आम जनता के लिए कम है। लासा वायरस भी कोरोना की तरह जानवर से इंसान में पहुंचने वाला है। बताया जा रहा है कि यह चूहों से फैल रहा है।

डब्ल्यूएचओ के मुताबिक, लासा फीवर अक्यूट हैमरेजिक बीमारी है। इस वायरस का नाम उत्तरी नाइजीरिया के एक टाउन पर रखा गया है।

यह वायरस 1969 में पहली बार मिला था। 2009 के बाद इसके केस फिर से मिले हैं। बताया गया है कि यह वायरस चूहों से फैलता है।

एक रिपोर्ट के मुताबिक, चूहे का यह मल अगर खाने-पीने की चीजों में पहुंचने के साथ अगर आप सूंघ भी लेते हैं तो संक्रमण हो सकता है।

खुले घाव से भी इनफेक्शन पहुंच सकता है। इंसानों में यह वायरस पहुंचने की मुख्य वजह खाने-पीने का सामान होता है। क्योंकि घरों में चूहे इनके आस-पास मंडराते रहते हैं।

लासा वायरस से संक्रमित 80 फीसदी लोगों में लक्षण नहीं होते। 20 फीसदी लोगों में मसूड़ों, नाक, आंखों या और कहीं से ब्लीडिंग हो सकती है।

सांस लेने में दिक्कत, खांसी, उल्टी और दस्त भी इसके लक्षण हैं। इसके अलावा निगलने में दिक्कत, चेहरे में सूजन, सीने में दर्द, पेट में दर्द भी इसके लक्षण हो सकते हैं।

पांच में से एक मरीज सीवियर केस हो सकता है। इस बीमारी में मृत्यु दर एक फीसदी है। वहीं सीवियर केसेज में जान जाने के चांसेज 15 फीसदी होते हैं।

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