यह तो गजब की रुचि, पत्थर पालकर दूर किया जाता है अकेलापन…

News Aroma Desk

Raising Stones to Overcome Loneliness: मनुष्य का पशु-पक्षियों (Animals and Birds) से प्रेम की परंपरा बहुत पुरानी है। प्रकृति के अन्य पक्षों से भी लगाव की बात सामने आती है।

वह दौर भी याद आता है, जब परिवार के सभी लोग एक साथ रहते थे। सुख और दुख सभी बांट लेते थे। किसी को कोई परेशानी होती थी तो सभी मिलकर उसका हल निकालते थे।

इस तरह के माहौल में अकेलापन और Depression लोगों को छू भी नहीं पाता था लेकिन आज लोक संयुक्त परिवार नहीं अकेला रहना पसंद करते हैं।

यह तो गजब की रुचि, पत्थर पालकर दूर किया जाता है अकेलापन…

This is a wonderful interest, loneliness is removed by raising stones To overcome loneliness, people are keeping stones instead of dogs and cats The developing idea of seeing stones as living beings

आजकल लोग इतने अकेले हो चुके हैं कि वह मानसिक शांति के लिए अजीबोगरीब तरीके ढूंढने रहे हैं। आपने एक से बढ़कर एक Trend देखे होंगे।

लोगों को अजीबोगरीब जानवरों को पेट्स के तौर पर घर में रखे हुए देखा होगा लेकिन क्या कोई पत्थरों को पाल सकता है? यह हैरान करने वाला है कुछ लोग ऐसा भी कर रहे हैं।

अकेलापन दूर करने लोग कुत्ता-बिल्ली की जगह पाल रहे पत्थर

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दक्षिण कोरिया (South Korea) में एक ऐसा ही ट्रेंड चल रहा है, जहां लोग पत्थरों को पाल रहे हैं। एक रिपोर्ट के मुताबिक दक्षिण कोरिया में लोग इतने अकेलेपन के शिकार हैं कि वह अजीबोगरीब चीज़ों से दिल बहला रहे हैं। ऐसे ही ट्रेंड के तहत युवाओं में पत्थरों को पेट्स के तौर पर पालने का चलन है।

उनके लिए अलग से बिस्तर और कपड़े बनाए जा रहे हैं और उन्हें बिल्कुल जीवित प्राणियों की तरह ट्रीट किया जा रहा है। इनकी बाकायदा मसाज भी जाती है। जो भी ऐसे Stone Pets रख रहे हैं। वे इन्हें लड़के या लड़की के तौर पर मानते हैं।

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उनके लिए तौलिए, कंबल और Facial Kit भी रखी जा रही है। इन लोगों का कहना है कि पत्थर कोई डिमांड नहीं करते हैं, उन्हें न तो खिलाने की ज़रूरत है और न ही टहलाने की।

इनकी कीमत 600 रुपए से 1000 रुपए तक होती है। दक्षिण कोरिया में यह Trend बहुत जोरों से चल रहा है। अन्य देशों के लोग इस पर आश्चर्य भी जाता रहे हैं।

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