Azam Khan was released from jail after 23 months: समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता आजम खां मंगलवार (23 सितंबर 2025) की दोपहर को 23 महीने की जेल कैद के बाद सीतापुर जेल से रिहा हो गए। बाहर आते ही उनका पुराना शायराना अंदाज फिर लौट आया। बेटे अब्दुल्ला के साथ कार से जेल गेट पर उतरते ही उन्होंने कहा, “पत्ता-पत्ता, बूटा-बूटा हाल हमारा जाने है।”
बसपा में जाने की अटकलों पर दो टूक जवाब देते हुए उन्होंने कहा कि जो अफवाहें फैला रहे हैं, वही बता पाएंगे। जेल में तो किसी से मुलाकात की इजाजत ही नहीं थी, न फोन करने की परमिशन। कुल मिलाकर 5 साल (3+2) देश-दुनिया से कटे रहे।
पिछले हफ्ते हाईकोर्ट ने जमानत दे दी थी। सोमवार शाम को परवाना जेल पहुंचा, चालान-औपचारिकताएं पूरी कीं, तो मंगलवार दोपहर रिहाई हो गई। योगी सरकार आने के बाद आजम पर 72 मुकदमे दर्ज हुए, जिससे दो बार जेल यात्रा करनी पड़ी। पहली बार मई 2022 में रिहा हुए, लेकिन सिर्फ 17 महीने बाहर रहे। फिर 2023 में दोबारा अंदर।
मीडिया से बोले: बदला? मैंने तो दुश्मनों से भी अच्छा सलूक किया
मीडिया से घिरे आजम ने कहा, “बदला तो वहां होता है जहां बुराई की हो। मेरी कलम से किसी के साथ नाइंसाफी नहीं हुई। पूरी सरकार में कोई ये नहीं कह सकता।” जेल के बाहर समर्थकों का भारी जमावड़ा था। काफिले के साथ वे रामपुर के लिए रवाना हो गए।
फर्जी मुकदमों की मियाद खत्म, आजम फिर संघर्ष में आगे
सपा चीफ अखिलेश यादव ने ट्वीट कर रिहाई को “न्याय और समाजवाद की जीत” बताया। उन्होंने कहा, “आजम खां जी की रिहाई उनके और उनके परिवार के लिए, हम सबके लिए राहत और खुशी की बात है। जो ‘इंसाफ’ में यकीन रखते हैं, उनके लिए ये मील का पत्थर। अदालत का शुक्रिया।
फर्जी मुकदमों और साजिशों की मियाद खत्म हो गई। भाजपा को सामाजिक सौहार्द के प्रतीक पसंद नहीं। आजम जी फिर उपेक्षितों, पीड़ितों के साथ खड़े होकर दमन के खिलाफ आवाज उठाएंगे। समाजवादी मूल्यों के साथ सामाजिक न्याय की राह पर आगे बढ़ेंगे!”


