तेलंगाना में पटाखों पर प्रतिबंध : सुप्रीम कोर्ट से ग्रीन क्रैकर्स जलाने की अनुमति से व्यापारियों में खुशी

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हैदराबाद: तेलंगाना हाई कोर्ट के राज्य में पटाखे फोड़ने पर प्रतिबंध लगाने के आदेश को आज सुप्रीम कोर्ट ने खारिज करते हुए दीपावली के दिन दो घंटे के लिए ग्रीन क्रैकर्स जलाने की अनुमति दे दी है।

इससे व्यापारियों और आम लोगों में खुशी की लहर दौड़ गई।

राज्य के व्यापारियों ने दीपावली पर पटाखों के फोड़ने पर हाई कोर्ट के प्रतिबंध लगाने के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी।

शुक्रवार को सुनवाई के बाद सुप्रीम कोर्ट ने दिवाली के अवसर पर रात्रि 8 से 10 बजे तक पटाखे जलाने को मंजूरी प्रदान की है।

सुप्रीम कोर्ट नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल के आदेश के तहत केवल केवल ग्रीन क्रैकर्स जलाने की ही अनुमति प्रदान की है। सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले से पटाखा व्यापारियों को राहत मिली है।

उल्लेखनीय है कि पटाखों पर प्रतिबंध लगाते हुए हाई कोर्ट ने गुरुवार को राज्य सरकार को आदेश जारी किया था।

हाईकोर्ट कहा था कि पटाखे जलाने से कोरोना पीड़ितों को सांस लेने में दिक्कत हो सकती है।

इस संदर्भ में पटाखा व्यापारी एसोसिएशन ने नाराजगी व्यक्त की थी। उनका कहना है कि देश में इस समय लगभग 5000 करोड़ रुपये की पूंजी इस व्यापार में लगी है।

यदि पटाखों को चलाने की अनुमति नहीं मिलती तो व्यापारियों का काफी नुकसान होता।

पटाखा व्यापारी एसोसिएशन के के अध्यक्ष मानिकराव ने हिन्दुस्तान समाचार को बताया था कि तेलंगाना में सिर्फ 150 नियमित लाइसेंसधारी व्यापारी हैं लेकिन सिर्फ त्योहार के समय उधार लेकर काम करने वाले सैकड़ों व्यापारी हैं।

ऐसे में पटाखों पर प्रतिबंध रहने से व्यापारियों को काफी नुकसान होता। एसोसिएशन के एक सदस्य ने कहा कि हिंदुओं के त्यौहार को ही क्यों निशाना बनाया जाता है। पटाखे पर प्रतिबंध लगाया था तो लाइसेंस ही क्यों दिया था।

सबसे बड़ी बात यह भी है कि धनतेरस पर 70 फीसदी पटाखे लोगों के घरों तक पहुंच चुके हैं। ऐसे में प्रतिबंध का क्रियान्वयन कितना प्रभावी हो पाता।

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