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क्या नीतीश-लालू को एक प्लेटफॉर्म पर लाने की हो रही कोशिश?

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Efforts are being made to bring Nitish-Lalu on one platform : मैं न खामोश होने और न किसी को खामोश करने आया हूं। यह कह कर TMC सांसद शत्रुघ्न सिन्हा (Shatrughan Sinha) ने बिहार की राजनीतिक में हलचल मचा दी है।

इसकी जब और बढ़ गई जब सिन्हा ने एक ही दिन राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव (Lalu Prasad Yadav) और RJD के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष शिवानंद तिवारी से मुलाकात की।

शत्रुघ्न सिन्हा जिन्हे बिहारी बाबू भी कहा जाता है वह लगातार छह बार सांसद और कई बार मंत्री बनने के बाद वह अभिनेता नहीं रह गए हैं। अब राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद से और शिवानंद तिवारी से मुलाकात महज दोस्ती की याद ताजा करना नहीं है।

TMC सांसद शत्रुघ्न सिन्हा तो यही कहते हैं लेकिन बिहार का राजनीतिक गलियारा शत्रुघ्न सिन्हा के फेमस डायलॉग खामोश जैसा खामोश नहीं है। चर्चा यह है कि आगामी विधानसभा चुनाव 2025 में टीएमसी का राजनीतिक भविष्य तलाशने तो बिहार नहीं आए हैं। या फिर बीजेपी के विरुद्ध रणनीति का एक पहलू यह भी है कि वह कहीं नीतीश कुमार और Lalu Yadav को एक प्लेटफॉर्म पर लाने की कोशिश करने आए हैं।

हालांकि राजद सुप्रीमो लालू यादव से मुलाकात को शत्रुघ्न सिन्हा ने निजी मुलाकात बताया लेकिन यह बात कहकर शत्रुघ्न सिन्हा ने जरूर चौंका दिया कि वह अगले दौरे में CM नीतीश कुमार से भी मिलेंगे। वह भी यह कहते है कि अक्सर नीतीश कुमार से कॉफी पर बात होती रहती है। कुछ कारणों से मुलाकात नहीं हुई लेकिन अगली बार उनके साथ कॉफी जरूर पिऊंगा।

शत्रुघ्न सिन्हा ने बीजेपी पर हमला बोला और कहा कि ये जो हिंडनवर्ग की रिपोर्ट आई है उससे BJP सरकार उनके कई नेता और कई मित्रगण घबराए हुए हैं। ऐसा इसलिए कि वह जानते हैं कि इस बार बात निकली है तो दूर तलक जाएगी। लोग कहते हैं कि इस बार हिंडनवर्ग ने बहुत सोच समझ कर रिपोर्ट पेश की है। राहुल गांधी की इस बात से मैं सहमत हूं कि सुप्रीम कोर्ट को इस पर संज्ञान लेना चाहिए, यह राष्ट्रीय मुद्दा है।

पश्चिम बंगाल में एक महिला डॉक्टर की हत्या और रेप मामले में शत्रुघ्न ने कहा कि बंगाल सरकार कार्रवाई कर रही है। आप पुलिस को क्यों हतोत्साहित करना चाहते हैं। CM Mamata Banerjee ने साफ कहा दो तीन दिन देखते हैं। बंगाल पुलिस सफल नहीं होती तो मामला CBI को सौंप देंगे। CBI भी होली काऊ नहीं, काऊ है।

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