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पलामू में संतरा की खेती को बढ़ावा देकर भारत का दूसरा नागपुर बना सकते हैं: बादल पत्रलेख

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मेदिनीनगर: कृषि पशुपालन एवं सहकारिता मंत्री बादल पत्रलेख ने गुरुवार को कही। कहा कि पलामू आकर ऐसा लगता है कि मैं अपने लोगों के बीच हूं।

बताया कि कोविड-19 के कारण दुनिया के बड़े-बड़े देश तबाही के कगार पर आ पहुंचे थे। भारत भी इससे अछूता नहीं रहा, जिसका असर झारखंड तथा पलामू को भी देखने को मिला।

इस कारण वश सरकार को कार्य करने में काफी चुनौती का सामना करना पड़ा। पर अभी स्थिति कुछ सामान्य हुई है और सरकार राज्य के किसानों की आर्थिक स्थिति सुधारने में जुटी हुई है।

कहा कि पलामू को दूसरा नागपुर बनाने के लिए सरकार द्वारा कार्य शुरू किया जाएगा जिससे जिले की किसानों की आर्थिक स्थिति में सुधार लाई जा सकेगी।

मुख्यमंत्री पशुधन योजना के तहत 50 प्रतिशत अनुदान पर एपीएल तथा बीपीएल लोगों को दो-दो गाय देने का प्रावधान है, जिसमें 2020- 2021 में पूरे राज्य भर में 9350 लाभुक का लक्ष्य रखा गया है।

आने वाला दशक कृषि इन्फ्रास्ट्रक्चर का होगा। उन्होंने बताया कि वर्तमान सरकार ने किसानों को सम्मान देने के लिए चेंबर ऑफ फार्मर्स का गठन किया जाएगा जो एक ऑटोनॉमस बॉडी होगी और किसानों द्वारा किए गए कृषि कार्यों की समीक्षा तथा सरकार को सुझाव देने का काम करेगी।

बताया कि 25 मई को ब्लॉक मुख्यालय में लोगों के बीच बीज का वितरण किया जाएगा तथा नवंबर माह से धान की खरीदारी शुरू की जाएगी। इसकी कवायद अभी से ही शुरू की जा चुकी है।

पलामू जिले के 65 हज़ार किसानों की ऋण माफी की जा रही है जिसने 22 हज़ार किसानों का डाटा अपलोड हो चुका है और कार्य प्रगति पर है। इन सभी किसानों का ससमय ऋण माफ कर दिया जाएगा।

मंत्री बादल पत्रलेख गुरुवार को शहर के शिवाजी मैदान में जिला स्तरीय कृषक संगोष्ठी- सह-कृषि प्रदर्शनी के मुख्य उद्घाटनकरता थे।

कार्यक्रम का उद्घाटन मंत्री बादल पत्रलेख, पलामू प्रमंडलीय आयुक्त जटाशंकर चौधरी तथा उपायुक्त शशि रंजन ने सामूहिक रुप से दीप प्रज्वलित कर किया।

प्रमंडलीय आयुक्त जटाशंकर चौधरी ने कहा कि पलामू जिले में मुख्यमंत्री कृषि ऋण माफी योजना की प्रगति काफी अच्छी है। उन्होंने कहा कि यह प्रमंडल रसदार फल यथा नारंगी मोसंबी के लिए बेहतर है।

इसी के लिए यहां कई साल पहले साइट्रस फ्रूट के लिए रीजनल रिसर्च सेंटर का गठन किया गया था। उन्होंने बताया कि अगर पलामू में संतरा की खेती को बढ़ावा दिया जाए तो पलामू भारत का दूसरा नागपुर बन सकता है।

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