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मध्यप्रदेश में पंचायत चुनाव गायकों से SUV तक के लिए पैसे कमाने का मौका

चुनाव के दौरान जिन स्थानीय व्यवसायों को बढ़ावा मिला, उनमें मिठाई की दुकानें, ट्रैवल एजेंसियां, प्रिंटिंग (पोस्टर, बैनर) और रिकॉर्डिग शामिल हैं

भोपाल: मध्यप्रदेश (Madhya Pradesh) में पंचायत और नगर निगम चुनावों के साथ कई छोटे आकार के व्यवसायों, विशेष रूप से चुनाव अभियान के लिए आवश्यक उत्पादों के कारोबार में तेजी देखी गई है।

साथ ही, कई बेरोजगार युवाओं (unemployed youth) को चुनाव लड़ने वाले उम्मीदवारों से पैसे कमाने के के साथ कुछ काम करने मिला है।

चुनाव के दौरान जिन स्थानीय व्यवसायों को बढ़ावा मिला, उनमें मिठाई की दुकानें, ट्रैवल एजेंसियां, प्रिंटिंग (पोस्टर, बैनर) और रिकॉर्डिग शामिल हैं।

प्रद्युम्न दुबे ने कहा, मैं प्रचार के लिए कर रहा हूं लाउडस्पीकर का उपयोग

स्थानीय गायकों (local singers) को भी उम्मीदवारों के लिए गाने और नारे रिकॉर्ड करने से पैसे कमाने का पर्याप्त अवसर मिला है।

आमतौर पर ग्राम पंचायत चुनाव में प्रत्याशी घर-घर जाकर प्रचार करते हैं, हालांकि बदलते रुझानों और रणनीतियों के साथ सरपंच पद के उम्मीदवार भी विधानसभा और आम चुनाव की तरह प्रचार के लिए लाउडस्पीकर का इस्तेमाल कर रहे हैं।

सरपंच उम्मीदवार जो चुनाव प्रचार के लिए लाउडस्पीकर का उपयोग कर रहे हैं, वे ज्यादातर युवा हैं जो नए रुझानों में विश्वास करते हैं और शहरी क्षेत्रों से निकटता से जुड़े हुए हैं।

कई सरपंच उम्मीदवारों ने लाउडस्पीकर (loudspeaker) का इस्तेमाल करते हुए आईएएनएस से बात की। रीवा जिले के सर ग्राम पंचायत से सरपंच पद के उम्मीदवार 34 वर्षीय प्रद्युम्न दुबे ने कहा, मैं प्रचार के लिए लाउडस्पीकर का उपयोग कर रहा हूं, क्योंकि मैं अपने गांव के प्रत्येक निवासी तक पहुंचना चाहता हूं।

यहां के ग्रामीण क्षेत्रों में आप पुरुषों से आसानी से मिल सकते हैं, लेकिन महिलाओं से मिलना बहुत मुश्किल है। अधिकांश महिलाओं ने अपने पुरुषों की सलाह पर वोट डाला। महिलाओं को अपने उम्मीदवारों का फैसला खुद करना चाहिए।

राजीव सिंह ने कहा,मैंने 15 और चार पहिया वाहनों की व्यवस्था की

ट्रैवल एजेंसियों को चलाने वाले लोग, खासकर दूरदराज के इलाकों में, आमतौर पर अपने वाहनों के लिए ग्राहक जुटाने में संघर्ष करना पड़ता है, लेकिन इस चुनाव के दौरान उनके पास कई ग्राहक होते हैं।

यहां तक कि एक जिला (जिला) पंचायत प्रत्याशी ने भी चुनाव प्रचार के लिए कम से कम 10 चौपहिया वाहन बुक किए हैं।

चौपहिया वाहनों की बुकिंग में देरी करने वाले कई उम्मीदवार अब उन्हें दोहरा शुल्क देकर किराए पर लेने के लिए मजबूर हैं।

ट्रैवल एजेंसी चलाने वाले राजीव सिंह (Rajeev Singh) ने कहा, मेरे पास सफारी, बोलेरो, मार्शल सहित 16 चौपहिया वाहन हैं और इन दिनों इन वाहनों की मांग है।

मैंने रीवा में इस चुनाव के दौरान पैसे कमाने के लिए अनुबंध पर 15 और चार पहिया वाहनों की व्यवस्था की है।

एक स्थानीय गायक (बघेली बोली) राजकुमार ने आईएएनएस को बताया कि वह उम्मीदवारों के लिए पांच गानों के लिए 15,000 रुपये से 20,000 रुपये के बीच शुल्क लेते हैं।

उन्होंेने कहा, मैं पिछले कई वर्षो से स्थानीय उम्मीदवारों के लिए गाने रिकॉर्ड कर रहा हूं। अब अधिक से अधिक लोग प्रचार के लिए लाउडस्पीकर और गीतों का उपयोग कर रहे हैं।

दो सप्ताह हो गए हैं, हमारी पूरी टीम दिन-रात काम कर रही है और निश्चित रूप से काम के लिए पैसे ले रही है।

बेरोजगार युवाओं को भी चुनाव (Election) के दौरान कुछ काम मिला है और कुछ पैसे कमाने का मौका भी मिला है। ग्रामीण और शहरी दोनों क्षेत्रों में युवा अपनी पसंद के उम्मीदवारों से जुड़े हुए हैं और उनके लिए प्रचार कर रहे हैं।

IANS ने यह भी देखा कि मध्यप्रदेश में चुनाव के दौरान समर्थन पाने के लिए शराब एक महत्वपूर्ण वस्तु बन गई है। आदिवासियों, एसटी/एससी की कॉलोनियां मुख्य लक्ष्य हैं, जहां उम्मीदवार मतदाताओं के बीच शराब बांटते हैं।

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