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UCC पर विधि आयोग के कदम को कांग्रेस ने बताया ध्रुवीकरण का एजेंडा, जानिए तर्क..

कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश (JaiRam Ramesh) ने कहा कि 22वें विधि आयोग ने UCC की जांच करने के अपने इरादे को अधिसूचित किया है

नई दिल्ली: समान नागरिक संहिता (UCC) पर विधि आयोग (Law Commission) के सार्वजनिक और मान्यता प्राप्त धार्मिक संगठनों से सलाह मांगने पर कांग्रेस ने मोदी सरकार (Modi Government) को घेरा है।

कांग्रेस ने गुरुवार को विधि आयोग के कदम को मोदी सरकार के ध्रुवीकरण (Polarization) के एजेंडे को आगे बढ़ाने के साथ अपनी विफलताओं से ध्यान भटकाने की कोशिश करार दिया।

इस विषय पर फिर से विचार करने का कोई ठोस कारण नहीं

कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश (JaiRam Ramesh) ने कहा कि 22वें विधि आयोग ने UCC की जांच करने के अपने इरादे को अधिसूचित किया है।

यह एक अजीब बात है कि विधि आयोग एक नए संदर्भ की मांग कर रहा है।

जब उसने अपनी प्रेस विज्ञप्ति में स्वीकार किया है कि उसके पूर्ववर्ती 21वें विधि आयोग ने अगस्त 2018 में इस विषय पर एक परामर्श पत्र (Advice Letter) प्रकाशित किया था।

जयराम रमेश ने आगे कहा कि इस विषय पर फिर से विचार करने का कोई ठोस कारण नहीं बताया गया है।

जबकि, 21वें विधि आयोग ने इस विषय पर विस्तृत और व्यापक समीक्षा करने के बाद पाया था कि समान नागरिक संहिता, इस स्तर पर आवश्यक नहीं है।

BJP की राजनीतिक महत्वाकांक्षा राष्ट्रहित से अलग

जयराम रमेश ने मोदी सरकार पर पलटवार करते हुए आरोप लगा दिए कि समान नागरिक संहिता पर विधि आयोग की पहल मोदी सरकार के ध्रुवीकरण के एजेंडे और अपनी विफलताओं को छिपाने का जरिया है।

उन्होंने आगे कहा, विधि आयोग ने राष्ट्रीय महत्व के कई मुद्दों पर दशकों तक काम किया है। उसे अपनी विरासत के प्रति सचेत रहना होगा। BJP की राजनीतिक महत्वाकांक्षा राष्ट्रहित से अलग है।

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