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महबूबा मुफ्ती के मामले में दिल्ली हाई कोर्ट ने श्रीनगर के पासपोर्ट अथॉरिटी को दिया निर्देश

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नई दिल्ली: दिल्ली हाई कोर्ट (Delhi High Court) ने श्रीनगर (Srinagar) के पासपोर्ट अथॉरिटी (Passport Authority) को निर्देश दिया है कि वो जम्मू-कश्मीर (J&K) की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती (Mehbooba Mufti) के पासपोर्ट का नवीकरण करने पर तीन महीने के अंदर फैसला करे।

जस्टिस प्रतिभा सिंह की बेंच ने ये आदेश दिया।

महबूबा मुफ्ती के मामले में दिल्ली हाई कोर्ट ने श्रीनगर के पासपोर्ट अथॉरिटी को दिया निर्देश delhi high court directs passport authority of srinagar in case of mehbooba mufti

Srinagar के पासपोर्ट अथॉरिटी को निर्देश दिया गया

सुनवाई के दौरान केंद्र सरकार (Central Government) की ओर से पेश वकील कीर्तिमान सिंह (Kirtiman Singh) ने कहा कि Srinagar के पासपोर्ट अथॉरिटी को निर्देश दिया गया है कि वो महबूबा मुफ्ती के पासपोर्ट नवीकरण के आवेदन पर नए सिरे से विचार करे।

महबूबा मुफ्ती ने याचिका दायर कर मांग की थी कि पासपोर्ट का नवीकरण निरस्त (Renewal Canceled) करने के आदेश के खिलाफ की गई उनकी अपील पर जल्द फैसला करने का दिशा-निर्देश जारी किया जाए।

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श्रीनगर पासपोर्ट अथॉरिटी 3 महीने में करे इस पर फैसला

कोर्ट ने इस बात पर गौर किया कि मामला क्षेत्रीय पासपोर्ट दफ्तर को भेज दिया गया है। मुफ्ती का पासपोर्ट नवीकरण का आवेदन खारिज करने के बाद दायर की गई अपील करीब दो साल से लंबित है।

ऐसे में श्रीनगर पासपोर्ट अथॉरिटी (Srinagar Passport Authority) 3 महीने में इस पर फैसला करे।

जम्मू-कश्मीर CID ने मुफ्ती को पासपोर्ट नहीं देने की अनुशंसा की

दरअसल मुफ्ती ने 2020 में श्रीनगर के पासपोर्ट दफ्तर (Passport Office) में अपने Passport के नवीकरण के लिए आवेदन दिया था।

जब नवीकरण की उनकी अर्जी खारिज कर दी गई तो मुफ्ती ने जम्मू-कश्मीर और लद्दाख हाईकोर्ट (Ladakh High Court) में याचिका दायर की।

2021 में हाईकोर्ट की सिंगल बेंच ने उनकी याचिका खारिज कर दी। हाईकोर्ट ने कहा था कि किसी व्यक्ति को Passport जारी करने पर उसके अधिकार सीमित हैं। वो केवल Passport Authority को जल्द फैसला करने का आदेश दे सकती है।

दरअसल जम्मू-कश्मीर CID ने मुफ्ती को पासपोर्ट नहीं देने की अनुशंसा की थी। अप्रैल 2021 में जम्मू-कश्मीर और लद्दाख हाई कोर्ट की डिवीजन बेंच (Division Bench) ने मुफ्ती को ये छूट दी कि वो सक्षम अथॉरिटी के पास अपनी शिकायत लेकर जा सकती हैं।

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