Jharkhand : इलाज के अभाव में पारा शिक्षक की मौत, 2 वर्षों से नहीं मिला था मानदेय ; संघ ने सरकार पर फोड़ा ठीकरा

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देवघर: इलाज के अभाव में एक और पारा शिक्षक इस दुनिया को अलविदा कह गए।

देवघर उत्क्रमित प्राथमिक विद्यालय लुटिया में कार्यरत पारा शिक्षक देवीलाल सोरेन की मौत बेहतर इलाज के अभाव में सोमवार की सुबह मौत हो गई।

वो पिछले छह माह से बीमार चल रहे थे।

अप्रशिक्षित होने के कारण विभाग द्वारा दो वर्षों से मानदेय का भुगतान नहीं हुआ है। शिक्षक की मौत पर शिक्षक संघ ने सरकार पर इसका ठीकरा फोड़ा है।

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पारा शिक्षक संघ के प्रखंड अध्यक्ष किशोर यादव, उपाध्यक्ष सुखु हांसदा, महामंत्री धीरेन्द्र राय ने देवीलाल सोरेन की मौत पर झारखंड सरकार के खिलाफ जमकर भड़ास निकाली।

उन्होंने कहा कि देवीलाल पिछले 6 माह से बीमार चल रहे थे। लेकिन अप्रशिक्षित रहने के कारण पिछले दो वर्षों से मानदेय नहीं मिलने की वजह से सही इलाज नहीं करा पाए और असमय ही काल के गाल में समा गए।

पारा शिक्षक के निधन की खबर सुनकर अध्यक्ष समेत संघ के अन्य पदाधिकारी एवं कसैया पंचायत के मुखिया हृदय नारायण राय ने लुटिया गांव जाकर शोक संतप्त परिवार से मुलाकात कर उन्हें ढांढस बंधाया।

साथ ही सरकार से मृतक की विधवा को आर्थिक सहयोग देने की मांग की।

देवीलाल सोरेन की 2003 में पारा शिक्षक में बहाली हुई थी। उनकी पत्नी सुमा देवी ने बताया कि उनके पति छह माह से बीमार थे। पैसे के अभाव में ठीक तरह से इलाज नहीं करा पाए।

उन्होंने बताया कि पिछले दो वर्षों से मानदेय नहीं मिला है। अभाव के कारण पौष्टिक आहार भी नहीं ले पा रहे थे। जिससे दिन प्रतिदिन उनके स्वास्थ्य मे गिरावट आ रही थी।

 कई व्यक्तियों से कर्ज भी मांगा पर नहीं मिल पाया। परिवार के समक्ष विकट स्थिति खड़ी हो गई थी।

परिवार का भरण पोषण करने वाले कोई सहारा नहीं है। वे अपने पीछे एक लड़का एक लड़की छोड़ गए हैं।

मृतक के लड़के ने इस वर्ष मैट्रिक परीक्षा दी थी। जिसमें वह असफल हो गया। जबकि बेटी कस्तूरबा गांधी आवासीय विद्यालय में नौंवी कक्षा में पढ़ रही है।