झारखंड

स्वास्थ्य विभाग के अनुबंधकर्मियों ने किया आंदोलन, CM आवास को घेरने निकले कर्मियों को पुलिस ने रोका

रांची: झारखंड के अनुबंधित स्वास्थ्यकर्मियों (Health Workers) ने अपना आंदोलन तेज कर दिया है। अपनी विभिन्न मांगों को लेकर अनुबंधित स्वास्थ्यकर्मी सोमवार को रांची में CM आवास का घेराव करने निकले।

राजभवन (Raj Bhavan) के पास लगे बैरिकेडिंग को तोड़ अनुबंधित स्वास्थ्यकर्मी CM आवास के करीब पहुंचे, जहां पुलिस प्रशासन (Police Administration) की टीम ने उन्हें रोक दिया।

अनुबंधित स्वास्थ्यकर्मियों के आंदोलन को लेकर CM आवास के आस-पास सुरक्षा की पुख्ता व्यवस्था की गयी थी।

वहीं 17 जनवरी से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले जाएंगे। स्वास्थ्य कर्मियों का यह आंदोलन झारखंड अनुबंधित पारा चिकित्साकर्मी संघ एवं ANM, GNM संघ के संयुक्त बैनर तले हो रहा है।

संघ द्वारा सभी जिले के उपायुक्त (Deputy Commissioner) को मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपकर जानकारी दी गई है।

स्वास्थ्य विभाग के अनुबंधकर्मियों ने किया आंदोलन, CM आवास को घेरने निकले कर्मियों को पुलिस ने रोका

क्यों कर रहे आंदोलन

आंदोलन पर जा रहे कर्मियों ने बताया कि वर्तमान सरकार ने तीन महीने में अनुबंध कर्मियों के समायोजन का वादा किया था। लेकिन तीन साल बीत जाने के बाद भी सरकार की ओर से कोई पहल नहीं की गई है।

अब हमलोग अनशन से पहले घेराव करेंगे। इसके बाद लगभग 8000 अनुबंध कर्मी अनिश्चितकालीन हड़ताल (Indefinite Strike) पर चले जाएंगे।

स्वास्थ्य विभाग के अनुबंधकर्मियों ने किया आंदोलन, CM आवास को घेरने निकले कर्मियों को पुलिस ने रोका

क्या है कर्मचारियों की मांगे

संघ की ओर से जो जानकारी दी गयी है, उसमें बताया गया है कि संघ ने पारा मेडिकल (Para Medical) नियमावली 2018 में आंशिक संशोधन करते हुए स्वास्थ्य विभाग के सभी पारा मेडिकल कर्मियों को वर्ष 2014 की तरह विभागीय समायोजन की प्रक्रिया अविलंब आरंभ करने की मांग की थी।

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ऐसी है आंदोलन की रूपरेखा

संघ 16 जनवरी को मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन (Hemant Soren) के आवास का घेराव करेंगे। 17 जनवरी से अनिश्चितकालीन हड़ताल किया जाएगा. इसके बाद राजभवन के पास धरना प्रदर्शन किया जाएगा. इसके बावजूद मांग नहीं पूरी होती है तो 24 से आमरण अनशन करने का निर्णय भी लिया गया है.

परिवार चलाना हो रहा मुश्किल

सदस्यों ने कहा कि विपरित परिस्थितियों में भी अनुबंध कर्मी सरकार की तमाम योजनाओं को सफल बना रहे हैं। फ्रंटलाइन वर्कर (Frontline Worker) के रूप में काम करते हुए वैश्विक महामारी कोरोना पर विजय पायी।

इसमें अधिकांश संख्या में अनुबंध कर्मी कोरोना पॉजिटिव हुए। अपनी जान पर खेलकर बीमारियों को कंट्रोल करने का भी काम किया है। लेकिन कम मानदेय के कारण सही से अपने परिवार का भरण पोषण नहीं कर पा रहे है।

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